मोदी सरकार को लेकर उद्धव ठाकरे ने हमला बोलते हुए कहा की, “शांत हूं, संयमी हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि नामर्द हूं.” यह बयान उद्धव ठाकरे का सुशांत सिंह राजपूत के द्वारा की गयी आत्महत्या को लेकर आया हैं. इस आत्महत्या के बाद से ही बीजेपी और शिवसेना के बीच महाराष्ट्र में तकरार चल रही है.
उद्धव ठाकरे ने यह इंटरव्यू शिवसेना के ही मुख्य समाचार पत्र सामना में दिया हैं. उद्धव ने बयान देते हुए कहा की, “मैं शांत हूं, संयमी हूं लेकिन इसका मतलब मैं नामर्द नहीं हूं और इस प्रकार से हमारे लोगों के परिजनों पर हमले शुरू हैं. ये तरीका महाराष्ट्र का नहीं है. बिल्कुल नहीं है. एक संस्कृति है. हिंदुत्ववादी कहे जाने के बाद एक संस्कृति हैं और आप परिवार पर आओगे, बच्चों पर आनेवाले होंगे तो हम पर हमला करनेवाले जिस-जिस का परिवार और बच्चे हैं उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि आप का भी परिवार है और बच्चे हैं. आप दूध के धुले नहीं हो. आपकी खिचड़ी कैसे बनानी है ये हम बनाएंगे.”
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में CBI पर बैन लगाने के मामले पर बोलते हुए कहा की, जब CBI का दुरुपयोग होना शुरू हो जाये. तब राज्य की सरकारों को अपने नागरिकों की रक्षा के लिए ऐसे नियम बनाने ही पड़ते हैं. उद्धव ने कहा की मैंने मरी हुई माँ का दूध नहीं पिया बल्कि मैं बाघ की संतान हूँ. ऐसे में अगर महाराष्ट्र या उसकी जनता के आड़े जो भी आएगा मैं उसके खिलाफ खड़ा हो जाऊंगा.
उद्धव ठाकरे ने कहा की बीजेपी महाराष्ट्र में लाशों पर राजनीती करती हैं. एक युवक की यहाँ पर जान चली जाती हैं और आप यहाँ पर उस लड़के की लाश पर राजनीती चमकाने की कोशिश करते हैं. उद्धव ने कहा की शिवसेना लाश पर मक्खन लगाकर नहीं बेचती. अगर कोई पार्टी किसी की लाश पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकती है तो उससे उस पार्टी की औकात पता चल जाती है. हम मर्द हैं और मर्दों की तरह लड़ना जानते हैं.