देश और दुनिया में फैली हुई महामारी के चलते यूथ कांग्रेस ने ‘राहुल किट’ के नाम से केरल में राहत सामग्री जारी की थी. मीडिया और सोशल मीडिया में इसकी खूब वाहवाही लूटने के बाद यह ‘राहुल किट’ दुकानों में बेचने के लिए रखवा दी गयी. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इन किटों को केरल के वायनाड से सांसद और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की मंजूरी मिलने पर ही तैयार करवाया गया था.
इसके बावजूद केरल के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मीडिया और सोशल मीडिया पर वाह-वाही लूटने के बाद लोगों तक पहुंचाया ही नहीं. यह पूरा मामला तब सामने आया जब मल्लपुरम के नजदीक स्थित नीलम्बूर में कुछ व्यक्ति एक दूकान किराए पर लेने के लिए पहुंचे थे. जैसे ही दूकान के मालिक ने दूकान को दिखाने के लिए खोला तो उसके अंदर सैंकड़ो ‘राहुल किटें’ पड़ी हुई थी.
जिनको देखकर स्थानीय लोगों का गुस्सा फुट गया, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान गरीब से लेकर मिडिल क्लास तक के लोगों के घर में खाद्य सामग्री और अन्य सामान की कमी हो गयी थी. ऐसे में अगर यह राहत किटें लोगों तक पहुंचाई जाती तो उनकी कुछ मुश्किलें कम हो सकती थी.
इसको देखते हुए राजनीती होना तो तय था, ऐसे में कांग्रेस के खिलाफ सत्ताधारी सीपीएम की युवा इकाई डीवाईएफआई ने कांग्रेस अध्यक्ष से माफ़ी मांगने की अपील कर डाली. हालाँकि यह सब जानते हैं की कांग्रेस और उसके नेता कभी माफ़ी नहीं मांगते, ऐसे में अगर राहुल गाँधी भी इस मामले में चुप रहें तो हैरानी नहीं होगी.
इसी इलाके के नीलम्बूर के निर्दलीय विधायक पीवी अनवर ने जिला कलेक्टर के गोपालाकृष्णन से इस मामले की जांच करवाने की अपील की हैं. आपको बता दें की नीलम्बूर के निर्दलीय विधायक पीवी अनवर केरल में सरकार का समर्थन भी करते हैं. उनका दावा है की कांग्रेस की युवा इकाई और कार्यकर्ताओं ने पूरी विधानसभा में इन किटों का सत्यानाश किया हैं.
उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा की, “यह नीलम्बूर में इकलौता मामला नहीं है. आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कांग्रेस ने कई अन्य जगहों पर भी खाद्य सामग्री जमा की थी. इस मामला के सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने अन्य स्थानों से खाद्य पदार्थों की किट को या तो हटा दिया या उन्हें नष्ट कर दिया.”