अयोध्या रामजन्मभूमि मामले में कांग्रेस के वकील किस तरह से मामले को टालते और भटकाते थे, यह बात आज के समय में किसी से छुपी हुई नहीं हैं. अयोध्या रामजन्मभूमि का मामला तो ख़त्म हो गया लेकिन कांग्रेस देश भर में एक के बाद एक चुनाव हारने के बाद भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिमों के पक्ष में कोर्ट पहुँच चुकी हैं.
ताज़ा जानकारी के मुताबिक़ मथुरा से 2019 में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे महेश पाठक ने कोर्ट में एक याचिका लगाते हुए कहा है की, “श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले से मथुरा की शांति व्यवस्था भंग हो सकती है. इसलिए हिंदू संगठनों की याचिका खारिज करते हुए ईदगाह मस्जिद के पक्ष में यथास्थिति बनाये रखें.”
ऐसा पहला मामला नहीं हैं जब कांग्रेस ने हिंदुवो की आस्था पर कडा प्रहार किया हो. इससे पहले प्रभु श्री राम को काल्पनिक बताना, राम जन्म भूमि का विरोध करना, हिन्दू संघठनो को आतंकवादी संघठन ठहराने की कोशिश करना आदि काम वह पहले भी कर चुके हैं.
कांग्रेस नेता सिख आतंकी और हिन्दू आतंकी शब्द का इस्तेमाल भी बड़े जोर शोर से करते हैं, जबकि जब बात मुस्लिम आतंकी की होती है तो यह कांग्रेस नेता ‘आतंकवाद का धर्म नहीं होता’ वाला राग अलापने लगते हैं. जिस कांग्रेस ने हिन्दू मैरिज एक्ट बड़े शौंक से लागू किया था उस कांग्रेस को मुस्लिम तीन बिल तलाक़ बिल में खामिया नज़र आ रही थी.
फिलहाल आपको बता दें की महेश पाठक कांग्रेस के टिकट पर 2019 में मथुरा से चुनाव लड़े थे. मोदी लहर में जहां राहुल गाँधी भी अपनी सीट नहीं बचा सके वहीं महेश पाठक भी हेमा मालिनी से यह चुनाव हार गए. हालाँकि इस याचिका को लगाने के बाद कांग्रेस ने इस मामले में हमेशा की तरह कोई बयान देना जरूरी नहीं समझा.
बयान न देने का मतलब साफ़ होता की आप महेश पाठक की इस याचिका से सहमत हैं और श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में हिन्दुवों के खिलाफ कोर्ट में खड़े होंगे. आपको बता दें की कांग्रेस नेता कभी भी सीधा केस अपने हाथ में नहीं लेते. वह इसी तरह से बीच-बीच में मुस्लिम पक्ष की तरफ से अपनी याचिका दायर करते रहते हैं.