पाकिस्तान के स्वात शहर स्थित पहाड़ों के बीच पाकिस्तान और इटली के पुरातत्व विशेषज्ञों को लगभग 1300 साल पुराण विष्णु मंदिर मिला हैं. यह इलाका पाकिस्तान के उत्तरी पश्चमी इलाके में स्थित हैं. आपको बता दें की खैबर पख्तूनखवा, पुरातात्विक विभाग के फज़ल खालिक ने मीडिया को बताया है की हमें यहां विष्णु मंदिर मिला हैं.
पुरातत्व विशेषज्ञों का कहना हैं की यह विष्णु मंदिर हिन्दू शाही काल के दौर में बनाया गया था. इतिहास की माने तो हिन्दू शाही काल का साम्राज्य काबुल घाटी (पूर्वी अफगानिस्तान) और गंधार (आज का पाकिस्तान) तथा वर्तमान के उत्तर पश्चिमी भारत तक सिमित था. बताया जा रहा है की उसी दौरान इन्होंने ही 850 से 1026 CE के बीच इस मंदिर का निर्माण करवाया होगा.
मंदिर में एक जलाशय भी मिला हैं, इस जलाशय का इस्तेमाल मंदिर में जाने से पहले पाँव धोने या फिर नहाने के काम आता था. मंदिर के आस पास एक छावनी भी मिली हैं, इसके इलावा मंदिर के चारों कोनो में वाच टावर भी मिले हैं. इटालियन पुरातात्विक अभियान के मुखिया डॉक्टर लूका का कहना हैं की, “स्वात शहर में गंधार सभ्यता के दौर का यह पहला मंदिर है.”
विष्णु मंदिर का आगे क्या होगा आप इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं की जुलाई 2020 में ही खोजी गई बुद्ध की प्रतिमा को यहां के स्थानीय मुस्लिमों ने तोड़कर तहस नहस कर दी थी. आपको याद होगा की सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुई थी जिसमें पश्तून बाहुल्य खैबर पख्तूनखवा प्रांत के मर्दान शहर में एक घर की नीवं रखने के लिए जब खुदाई चल रही थी तब भगवान् बुद्ध की प्रतिमा प्राप्त हुई थी.
उसके कुछ समय बाद ही एक और वीडियो आया जिसमें भगवान् बुद्ध की प्रतिमा को मौलवी और श्रमिक हथौड़े से तोड़ रहा हैं. इस पूरी घटना के दौरान न तो मायावती की तरफ से निंदा की गयी और न ही दलितों का मसीहा कहे जाने वाले चंद्रशेखर आज़ाद ने इस घटना की निंदा की. ऐसे में भविष्य में पता चले की विष्णु मंदिर को भी स्थानीय लोगों द्वारा तोड़ दिया गया है तो ज्यादा हैरानी नहीं होगी.