फाइजर इंक नाम की कंपनी का दावा है की उसकी बनाई हुई वैक्सीन 95 प्रतिशत की दर से काम कर रही हैं. दो चरणों के पूरा होने के बाद यह अब तीसरे चरण में पहुँचने के लिए पूरी तरह से तैयार है और जल्द ही इसे अमेरिका के नियामकों में पास करवाने के बाद इसका मास प्रोडक्शन शुरू कर दिया जायेगा.
फाइजर इंक और इसके पार्टनर बायोएनटेक एसई के अधिकारीयों ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया की, “हमारी वैक्सीन ने सभी उम्र और वर्ग के लोगों को कोरोना से बचाया है और अभी तक कोई गंभीर समस्या नहीं आई. ट्रायल में करीब 44 हजार लोगों को टीका लगाया गया है.” इस घोषणा के होते ही फाइजर के शेयर प्रीमार्केट ट्रेडिंग में 2.7 पर्सेंट और बायोएनटेक के शेयरों में भी 7.3 फीसदी तेज़ी देखने को मिली.
फाइजर इंक और इसके पार्टनर बायोएनटेक एसई के इलावा मॉडर्ना इंक ने 94.5 पर्सेंट और रूसी स्पूतनिक ने 92 फीसदी असरकारक बताया हैं. कुछ दिनों में एस्ट्राजेनका पीएलसी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी इन वैक्सीन को लेकर अपने आंकड़े जारी करेगा. उसके बाद ही पता चल सकेगा की इन कंपनियों के दावों में आखिर कितनी सच्चाई है.
इन संभावित टीकों के परीक्षणों में 90 फीसदी से ज्यादा रिजल्ट आने पर यह सम्भावना जताई जा रही हैं की दुनिया को जल्द ही वैक्सीन को लेकर खुशखबरी मिल सकती हैं. भारत के लिए फिलहाल सबसे अच्छी वैक्सीन अमेरिकी कंपनी मोडेरना की बताई जा रही हैं. क्योंकि इस वैक्सीन को कम तापमान में रखना अनिवार्य नहीं हैं, जिस वजह से भारत जैसे तापमान वाले देशों में इस वैक्सीन का उपयोग किया जा सकता हैं.
अगर हम बात करें फाइजर-बायोएनटेक टीके की तो इसके भंडारण के लिए शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर रखना अनिवार्य है. ऐसे में यह टिका भारत के लिए अनुपयुक्त है, जबकि यूरोपियन देशों के लिए यह टिका सबसे अच्छा साबित होगा. इस वक़्त सबसे बड़ी समस्या टिका बनाना ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अलग अलग भूगोलिक स्थितयों के अनुसार एक कारगर टिका बनाना हैं.