सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद भी मुंबई पुलिस अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रही. पालघर में हुई साधुवों की हत्या और उसके बाद अर्नब गोस्वामी द्वारा उन साधुवों के हक़ में उठाई गयी आवाज़ मुंबई पुलिस को पसंद नहीं आ रही. कह लीजिये की मुंबई पुलिस को यह पसंद नहीं आया की अर्नब ने इस हत्या के पीछे ईसाई समुदाय की भीड़ को अपने चैनल पर पुरे देश को बता दिया था.
इसी लिए मुंबई पुलिस ने पालघर में हुई साधुवों की हत्या के बाद अर्नब के चैनल में हुई ‘सांप्रदायिक टिप्पणियों’ को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया हैं. इस नोटिस के अनुसार रविवार को शाम 4 बजे वर्ली के असिस्टेंट पुलिस कमिशनर और स्पेशल एग्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने अर्नब को पेश होने के लिए कहा गया हैं.
इससे कुछ दिन पहले मुंबई पुलिस ने अर्नब के अच्छे बर्ताव के लिए 10 लाख रूपए का बांड भरवाने की भी मांग की थी. यह मांग सीआरपीसी की धारा 108 के तहत एसीपी (वर्ली) सुधीर जंबावड़ेकर द्वारा की गयी थी, उनका कहना था की अर्नब गोस्वामी को अपने अच्छे व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए एक बांड साइन करके देना होगा.
पुलिस ने इसका भी कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है की अर्नब को बताना चाहिए की वह 10 लाख का बांड क्यों नहीं भर सकते वह भी 1 साल की अवधि के साथ. इसके साथ ही उन्हें एक ग्रांटर को भी अपने साथ लाना होगा, जो यह गवाही दे सके की अर्नब आने वाले समय में अपने अच्छे व्यवहार को सुनिश्चित करेंगे.
आपको बता दें की सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही अर्नब गोस्वामी को 50000 रूपए के बांड के आधार पर जमानत दी हैं. बहुत ही सख्त टिप्पणियों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस को तुरंत आदेश का पालन करने की सलाह दे डाली थी. इसके बाद मुंबई पुलिस ने अर्नब की मेडिकल जांच की रिपोर्ट उनके वकीलों को सौंपने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था और फिर से नए मामले में कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया हैं.