बहुत कम लोग जानते हैं की महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एवं दिवंगत अन्वय नाइक के परिवारों के बीच जमीन 2.2 करोड़ रूपए की राशि का एक जमीनी सौदा हुआ था. इस जमीनी सौदे की जानकारी महाराष्ट्र की सरकारी वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं. लेकिन संजय राउत ने इस सौदे को पूरी तरह से नकार दिया और उल्टा बीजेपी पर आरोप लगाने शुरू कर दिए.
संजय राउत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है की, “सेठजी की पार्टी के प्रवक्ता उस मराठी महिला के बारे में बोलने के लिये तैयार नहीं हैं जो विधवा हो गई. वह और उनकी बेटी न्याय की गुहार लगा रही हैं और जब हम उन्हें न्याय दिलाना सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं तो ये लोग आत्महत्या की जांच की दिशा मोड़ने के लिये आरोप लगा रहे हैं. यह एक गंभीर मसला है.”
आपको बता दें की कल ही बीजेपी के प्रवक्ता ने एक खुलासा करते हुए कहा था की, “उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे ने मनीषा रवीन्द्र वायकर के साथ मिलकर दिवंगत अन्वय नाईक और अक्षता नाईक से मिलकर साल 2014 में रायगढ़ के मुरूड इलाके में 2.20 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी.” इस खुलासे के साथ ही राजनितिक और मीडिया के गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज़ हो गयी की कहीं आत्महत्या की वजह यह प्रॉपर्टी डील तो नहीं थी.
संजय राउत ने आगे अपने बयान में कहा की, “एक मराठी व्यक्ति ने सौदा किया है तो उन्हें (सोमैया) कोई समस्या है. शिवसेना की अगुवाई वाली एमवीए सरकार (Maha Vikas Aghadi) अपना कार्यकाल (2024 तक) पूरा करेगी. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी 25 साल तक सत्ता से बाहर बैठे. हमारा रुख नाइक के परिवार को न्याय दिलाना और आत्महत्या के लिये उकसाने वालों को कानून सम्मत सजा दिलाना है.”
संजय राउत काफी समय से यह दावा कर रहें हैं की वह महाराष्ट्र में बीजेपी को कम से कम 25 सालों तक आने नहीं देंगे. ऐसे में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ होने वाली गुपचुप मीटिंग्स की कहानी क्या हैं, यह फिलहाल बताना मुश्किल हैं. दोनों ही नेता ऐसी मुलाकातों की जानकारी तब तक नहीं देते जब तक इनके मिलने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल न हो.