यह बात तो सब जानते हैं की हमारे सौरमंडल में पृथ्वी के साथ-साथ 8 अन्य गृह भी हैं. पृथ्वी पर जीवन के इलावा अभी तक कहीं और जीवन के सबूत नहीं मिले हैं. लेकिन आपको शायद पता न हो लेकिन बाकी ग्रहों पर सिर्फ जीवन नहीं हैं, लेकिन अलग-अलग गृह पर अलग-अलग तरह का वातावरण पाया जाता हैं.
हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा गृह बृहस्पति है, जो हमारे सौरमंडल में आने वाले बड़े उल्कापिंडों को निगल लेता है जिससे हमारी पृथ्वी सुरक्षित रहती हैं. इस गृह का गुरुत्वाकर्षण बल बहुत ही ज्यादा अधिक हैं, जिस वजह से अधिकतर उल्कापिंड इसमें समा जाते हैं.
वैज्ञानिको ने पाया है की पिछले कुछ समय से बृहस्पति में बहुत तेज़ तूफ़ान चल रहें हैं. इन तूफानों में दो प्रकार की बिजलियां गिर रही हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जूनो स्पेसक्राफ्ट द्वारा ली गयी तस्वीरों से साफ़ हो चूका है की इस गृह में चल रहे तूफान में दो प्रकार की बिजलियां चमक रहीं हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है की यह बिजलियां गृह के वायुमंडल के अंदर नहीं बल्कि बाहर की और से कड़क रहीं हैं. यही कारण हैं की इन बिजलियों की तेज़ रौशनी गृह के बाहर से ही देखि जा सकती हैं. वैज्ञानिकों ने इन बिजलियों के गिरने की वजह को बताते हुए कहा की वायुमंडल के ऊपर मौजूद नाइट्रोजन कण दूसरी गैसों से जब टकराते हैं तब इन बिजलियों का कड़कना शुरू होता हैं.
जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्चः प्लैनेट्स में छपी एक रिपोर्ट में लेखिका और वैज्ञानिक रोहिणी जिल्स का कहना हैं की, “हमारे पास इन बिजलियों के कई तरह के दस्तावेज और प्रमाण हैं. ये अद्भुत हैं. ये बिजलियां बृहस्पति ग्रह के सतह और वायुमंडल के सैकड़ों किलोमीटर ऊपर दिखाई दे रहे हैं. जूनो स्पेसक्राफ्ट ने फिलहाल ये तस्वीरें बृहस्पति ग्रह से काफी दूर से ली हैं. जब ये और नजदीक जाएगा तो हमें ज्यादा बेहतर तस्वीरें मिलेंगी. हमे ज्यादा गहन अध्ययन करने का मौका मिलेगा. साथ ही बृहस्पति के वायुमंडल का अध्ययन करने में और मदद मिलेगी.”
बृहस्पति अपने आप में एक रहस्य्मयी गृह हैं, जिसकी कोई ठोस सतह नहीं हैं. यह एक प्रकार का गैस जायंट हैं जिसमे अलग अलग गैसों से बने बादल, सदियों से चलने वाले भयंकर चलने तूफ़ान, इतना बड़ा आकार की लगभग 1300 पृथ्वियां इस गृह में समा जाये. ऐसे में इसके बारे में जब भी कोई नई खबर आती है तो वैज्ञानिक इसमें काफी रूचि दिखाते हैं.