दिल्ली सरकार ने महामारी का हवाला देते हुए अब छठ पूजा पर भी बैन लगा दिया हैं. इससे पहले उन्होंने प्रदुषण का हवाला देते हुए दिवाली के पटाखों पर भी बैन लगा दिया था. अब इस बात की कोई हैरानी नहीं होगी की अगर होली पर भी दिल्ली सरकार पानी की किल्लत का हवाला देते हुए इस त्यौहार पर भी बैन लगा दे.
खैर फिलहाल इस छठ पूजा को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक पत्र जारी करते हुए दिल्ली के लोगों और सभी डीएम और पुलिस के सभी डीडीसी को बताया है की, दिल्ली में पब्लिक प्लेस पर छठ पूजा मनाने की छूट नहीं होगी. इस पत्र के बाद आप जान लीजिये की अब आप सार्वजनिक स्थान यानी किसी नदी या तालाब में छठ पूजा नहीं कर सकेंगे. अगर आप करेंगे तो यह कानूनन अपराध होगा, फिलहाल यह नहीं बताया गया की अगर कोई यह नियम तोड़ता है तो उसपर जुर्माना लगाया जाएगा या नहीं.
इस पत्र के सार्वजनिक होते ही दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने भी लोगों को अपने घरों में ही छठ पूजा मनाने की सलाह दी हैं. उन्होंने कहा है की महामारी एक बार फिर से अपना सर उठा रही हैं, ऐसे में लोगों को अपनी और अपनों की अच्छी सेहत का ख्याल रखते हुए सार्वजनिक स्थान पर जाने से बचना चाहिए.
इस पत्र से पहले दिल्ली सरकार ने दिल्ली के एलजी को दिल्ली में छठ पूजा घाट तैयार करने व आयोजन करवाने का एक प्रस्ताव भी भेजने की बात कही थी. इस घाट में कम भीड़, आर्टिफिशियल घाट, सामाजिक दूरी व जागरूकता के सभी नियमों का पालन करवाने की भी बात की गयी थी.
आपको बता दें की पूरी दिल्ली में बीते साल दिल्ली सरकार ने यमुना नदी समेत कुल 1108 छोटे बड़े घाट बनवाये थे. इसी तर्ज़ पर वह अब एक आर्टिफिशियल घाट बनाने की मांग कर रहे थे. बाद में दिल्ली सरकार ने इस प्रस्ताव की योजना को आगे बढ़ाने से मना कर दिया और फिर यह काम फिलहाल इस साल के लिए रुका हुआ हैं. ऐसे में अब देखना यह होगा की छठ पूजा को लेकर लोग सरकार की इस अपील से सहमत होते हैं या फिर यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट में जाएगा.