फ़िल्मी दुनिया में बॉयकॉट से फिल्मों पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता यही कड़वी सचाई हैं. आप इतिहास देख सकते है की अगर किसी फिल्म का बॉयकॉट हो तो वह ज्यादा कमाई कर जाती हैं. हालाँकि कुछ फ़िल्में ऐसी होती हैं, जिनकी स्टोरी में ही दम नहीं होता जिस वजह से वह चल नहीं पाती और लोगों को लगता है यह हमारे बॉयकॉट का कमाल हैं.
ऐसी ही एक फिल्म अक्षय कुमार की लक्ष्मी बॉम्ब जिसका विरोध होने के बाद नाम बदल कर लक्ष्मी कर दिया गया. लेकिन नाम बदलने के बावजूद बॉयकॉट वाला सीन सोशल मीडिया पर ख़त्म नहीं हुआ. बॉयकॉट के साथ जब खराब स्टोरी मिल जाये तो फिल्म का फ्लॉप होना 100 प्रतिशत तय हो जाता हैं, फिर चाहे वह OTT Platform पर ही क्यों न रिलीस हुई हो.
लक्ष्मी फिल्म को Horror Film बनाने की कोशिश की गयी थी, लेकिन इसकी डायरेक्शन कॉमेडी फिल्म की थी. जिस वजह से या न तो यह फिल्म हॉरर फिल्म देखने वालों को लुभा पाई और न ही यह फिल्म कॉमेडी फिल्म देखने वालों को लुभा पाई. हालाँकि यह फिल्म किन्नरों को लेकर आपका नज़रिया बदल देगी जो इस फिल्म की सबसे अच्छी और एकलौती अच्छी बात थी.
हमारा समाज या तो महिला का सम्मान करता है या फिर पुरषों का किन्नरों के प्रति हमारे समाज की सोच बहुत ज्यादा घिनौनी हैं जिसे छुपाया नहीं जा सकता. समाज किन्नरों को दोहम दर्ज़े का इंसान समझते हैं. इस फिल्म को देखने के बाद आपका किन्नरों को लेकर नज़रिया जरूर बदलेगा यह सही हैं और एक जाने माने कलाकार द्वारा किन्नर का रोल अदा करना भी बहुत ही साहसिक काम था, जिसे अक्षय ने बखूबी निभाया.
इस फिल्म को प्रोड्यूस खुद अक्षय कुमार ने किया हैं और इसे फॉक्सस्टार स्टूडियो, तुषार कपूर और केप ऑफ गुड फिल्म्स बैनर टेल बनाया गया हैं. इस फिल्म में आपको अक्षय कुमार, कियारा आडवाणी के अलावा शरद केलकर, अश्विनी कल्सेकर, मनू ऋषि और आयशा रजा जैसे कलाकार मुख्य रोल में नज़र आएंगे.
इस फिल्म में अक्षय कुमार मुस्लिम बने हैं, जो फिल्म की शुरुआत में ढोंगी हिन्दू बाबाओं का पर्दाफास करता हैं. हालाँकि अगर इस फिल्म में एक ढोंगी मौलवी भी होता तो बायकॉट का आलम कुछ और होता. खैर बॉलीवुड अपनी ऐसी मानसिकता से ग्रस्त है जिसमें हर बार की तरह इस बार भी लड़की हिन्दू, लड़का मुस्लिम, ढोंगी पंडित, बड़े बुजुर्गों का अपमान और थोड़ी हिन्दुवों की धार्मिक आस्था पर वार… मिलाकर बनाई गयी खिचड़ी से इस ‘लक्ष्मी’ फिल्म को तैयार किया गया.