महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackery) ने विधान परिषद में राज्यपाल कोटे के 12 सदस्यों की एक लिस्ट महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Kosyari) को बंद लिफ़ाफ़े में सौंप दी हैं. 12 सदस्यों में से 2 नाम उर्मिला मातोंडकर (Urmila Martodkar) और एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) के भी हैं. ऐसे में देखना यह होगा होगा इस लिस्ट को राज्यपाल मंजूर करते हैं या नियमों का हवाला देते हुए इसमें बदलाव की मांग करते हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने जो यह लिस्ट तैयार की है, उसमें से यह लोग राजनीती में बहुत ज्यादा सक्रीय भी हैं. आपको बता दें की इस तरह के कोटे में राज्यपाल राज्य के साहित्य, कला, समाज सेवा व सहकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 12 लोगों को विधान परिषद के लिए मनोनीत करते हैं, संविधान में इसका जिक्र नहीं है की राज्यपाल राजनीती से जुड़े इंसान को मनोनीत करे. लेकिन उद्धव ठाकरे ने यह नाम ऐसे लोगों का दिया है जो पहले से राजनीती में सक्रिय हैं.
कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना तीनो को ही संविधान के बारे में अच्छे से पता हैं. यह आज बनी कोई नई नवेली राजनैतिक पार्टियां नहीं हैं जिन्हे संविधान में मजूद इस कानून का पता न हो. लेकिन यह इस बात को अच्छे से जानते हैं की देश और राज्य की जनता को ऐसे बेचीदे कानूनों का रत्तीभर भी नहीं पता होता, इसलिए ऐसे मामले बाद में राजनीती करने काम आते हैं.
इसलिए इन लोगों का विरोध होना शुरू हो चूका हैं और दोनों ही दलों ने अदालत का दरवाजा खटकाने की तैयारी शुरू कर दी हैं. दोनों ही दल इंतजार कर रहें हैं तो सिर्फ राज्यपाल के निर्णय का, जिसके पक्ष में यह निर्णय आएगा दूसरा दल उसे अदालत में कठगरे में खड़ा कर देगा.
उद्धव ठाकरे के हस्ताक्षर किये हुए इन नामों की लिस्ट को परिवहन मंत्री व शिवसेना नेता अनिल परब, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व राकांपा नेता नवाब मलिक व मेडिकल शिक्षा मंत्री व कांग्रेस नेता अमित देशमुख ने राजभवन जाकर राज्यपाल को सौंपी हैं. तीनों पार्टियों ने अपने मंत्रियों को भेजकर राज्य के लोगों के सामने एकजुट होने का अच्छा उदाहरण पेश किया हैं.