व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति हैं, भारत के साथ इन्होने रूस के रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा मजबूत किये थे. यह पिछले 20 सालों से रूस के राष्ट्रपति बने हुए हैं, इसके इलावा इन्होने खुद को उम्र भर के लिए राष्ट्रपति भी नियुक्त कर दिया था. लेकिन अब हालात अलग हैं, व्लादिमीर पुतिन एक गंभीर बिमारी पार्किसन का शिकार हो चुके हैं.
व्लादिमीर पुतिन इस बिमारी के साथ राष्ट्रपति पद का कार्यभार नहीं संभाल सकते, इसलिए खुद को आजीवन राष्ट्रपति घोसित करने के बावजूद इन्होने अपने पद को त्याग देने का फैसला किया हैं. ऐसा माना जा रहा हैं की वह अगले साल की शुरुआत में राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दे देंगे.
पार्किसन एक ऐसी बिमारी है जो आपके शरीर के नर्वस सिस्टम को फेल कर देती हैं. धीरे-धीरे आपका शरीर जिन्दा लाश में तब्दील होना शुरू हो जाता हैं, यह प्रक्रिया धीमी लेकिन शरीरिक और मानसिक रूप से बहुत दर्दनाक होती हैं. व्लादिमीर पुतिन के कुछ वीडियो भी मीडिया में चर्चा है हिस्सा बन चुके हैं, जिसमें व्लादिमीर पुतिन अपनी टांगों पर काबू नहीं रख पा रहे और वह लगातार कांपती जा रही हैं.
रूस की सरकार की तरफ से अभी तक इस विषय को लेकर किसी तरह का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया हैं. हालाँकि उन्होंने अभी तक ऐसी किसी भी ख़बरों का खंडन भी नहीं किया. राजनितिक विषेशज्ञों का कहना है की रूस, अमेरिका में हुए चुनाव और चुनाव के बाद बनने वाले हालातों का जायजा लेकर ही किसी तरह का अधिकारी बयान देगा.
इस दौरान यह भी कयास लगाए जा रहे हैं है की, व्लादिमीर पुतिन अपनी गद्दी किस के भरोसे छोड़कर राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा देंगे? इस वक़्त जापान, अमेरिका और इजराइल सब जगह पहले से ही सरकारें बदल चुकी हैं या राजनेता संन्यास ले चुके हैं. ऐसे में अगर रूस में भी राष्ट्रपति बदलता है तो यह देखना बहुत ज्यादा दिलचस्प होगा की इस वक़्त दुनिया भर में कई देशों में चल रहा तनाव किस दिशा का रुख करता हैं.