बिकरू कांड: 4 IPS समेत इन अफसरों पर कभी भी गिर सकती हैं गाज

बिकरू कांड के बाद एक SIT का गठन हुआ था, अब उसी SIT ने अपनी रिपोर्ट में बड़े अफसरों पर कार्यवाही करने की सिफारिश की हैं. SIT ने अपनी रिपोर्ट में शहर में रह चुके चार आईपीएस (दो एसएसपी) और पीपीएस अफसर के अलावा जिला पूर्ति अधिकारी, तहसीलदार से लेकर पुलिस प्रशासन के कई अफसर जो जय बाजपाई के ख़ास थे सब पर कार्यवाही करने की मांग की हैं.

SIT की रिपोर्ट के बाद से ही पुलिस अफसरों में अफरा-तफरी देखने को मिली हैं. आपको बता दें की इन चार आईपीएस और चार पीपीएस अफसरों पर कार्यवाही करने की मांग के साथ सबूत के तौर पर रिपोर्ट में इन सबकी अलग अलग भूमिका निभाने का खुलासा किया गया हैं.

SIT ने दावा किया है की विकास दुबे पर 60 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज़ थे. इसके बावजूद लोकल पुलिस ने उसे टॉप 10 अपराधियों की सूचि में शामिल नहीं किया था. इस वजह से कोर्ट में उसे जमानत मिली, लेकिन जमानत रद्द करवाने के लिए भी पुलिस ने किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की.

इस पुरे घटनाक्रम को लेकर दो पूर्व एसएसपी और तत्कालीन क्षेत्राधिकारी और थानेदारों को जिम्मेदार बताया गया हैं. इसके अलावा जय बाजपाई को लेकर कोई जांच न करने को लेकर पूर्व एसएसपी को दोषी करार दिया गया है. SIT ने खुलासा करते हुए कहा है की विकास पर दर्ज मुकदमे में से रंगदारी की धारा हटाए जाने के पीछे पूर्व एसएसपी को दोषी है जिनकी वर्तमान में मुरादबाद पीएसी में तैनाती हैं.

विकास दुबे को दुबारा गिरफ्तार करने के मामले में बरती गयी लापरवाही की बात करें तो तत्कालीन एसएसपी और वर्तमान में झांसी एसएसपी को दोषी पाया गया हैं. आपको जानकार हैरानी होगी की जिस व्यक्ति के खिलाफ 60 से ज्यादा गंभीर केस दर्ज़ थे उसके और उसके साथियों के पास सरकारी लाइसेंस्ड हथियार थे. इसके लिए थानेदार, एलआईयू और राजस्व के अफसरों को SIT ने दोषी करार दिया हैं और इन दोषी अफसरों पर कार्यवाही की मांग की हैं.

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