कुछ दिन पहले अपने एक वीडियो देखा होगा जिसमें कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के नाम पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला भाषण दे रहा था. पुलिस ने शांति का माहौल बनाये रखने के लिए, आरिफ मसूद के साथ करीब 2000 लोगों पर केस दर्ज़ किया हैं. इसके इलावा मध्यप्रदेश की सरकार ने आरिफ मसूद के स्कूल की बिल्डिंग के उस ढाँचे को भी JCB से गिरा दिया जो अवैध तरीके से कब्ज़ा करके निर्माण करवाया हुआ था.
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को बयान देते हुए कहा है की, “अवैध अतिक्रमण है तो हटेगा ही. प्रशासन अपना काम करेगा. समझ में नहीं आ रहा है कि विधायक मसूद ने भोपाल में प्रदर्शन क्यों किया. फ्रांस की घटना थी, ज्यादा गुस्सा था तो फ्रांस चले जाते. फ्रांस में क्या अल्पसंख्यक लोग नहीं है? यहां पांच वक्त की नमाज पढ़ी जा रही है. मध्य प्रदेश में तो कहीं कोई दिक्कत नहीं थी. जबरदस्ती साम्प्रदायिकता फैलाने की क्यों कोशिश कर रही है कांग्रेस, कमलनाथ क्यों शांत हैं. अगर प्रदर्शन जायज था तो बताएं, गलत था तो बताएं.”
जैसा की आप सब जानते हैं, फ्रांस की सरकार ने कार्टून बनाने वाली मैगज़ीन का समर्थन किया हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति का कहना है की फ्रांस के लोकतंत्र वाला देश है और यहाँ सबको बोलने की आज़ादी हैं. इसलिए धार्मिक भावनाओं के नाम पर हत्या करना गलत हैं, जिसकी हम निंदा करते हैं.
इसको लेकर कई मुस्लिम देश और फ्रांस के मुसलमान बौखला चुके हैं, हालाँकि सऊदी अरब ने फ्रांस का साथ देते हुए दुनियाभर के मुसलमानो को शांत रहने के लिए कहा है. इसके साथ ही फ्रांस और दुनिया भर में फ्रांस के नाम पर होने वाली आतंकी घटनाओं की भी निंदा की हैं.
यह मामला किसी भी तरीके से भारत से नहीं जुड़ा हैं और न ही भारत में हिंसा भड़काने के बाद फ्रांस पर इसका कोई असर होगा, हालाँकि नुक्सान भारत की संपत्ति और भारतीय नागरिकों के जान-माल का जरूर होगा. उसके बावजूद कांग्रेस के मुस्लिम विधायक देश भर में फ्रांस के नाम पर ऐसे लोगों को भड़काने के लिए जुटे हुए हैं. हैरानी की बात यह है की इस कृत्य पर कांग्रेस पार्टी की आलाकमान का भी कोई रिएक्शन नहीं आ रहा, तो क्या यह सब कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी से हो रहा हैं?