मथुरा में नमाज़ पढ़ने के चलते यूपी पुलिस ने फैज़ल खान और उनके साथियों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153A, 295 और 505 के तहत एफ़आईआर दर्ज़ की थी. यह एफआईआर इसलिए की गयी क्योंकि फ़ैसल ख़ान और चांद मुहम्मद ने 29 अक्तूबर को मथुरा के नंदबाबा मंदिर परिसर में बिना किसी इज़ाज़त के नमाज़ अदा कर डाली थी.
हालाँकि इस दौरान उनके साथी नीलेश गुप्ता और आलोक रतन भी उनके साथ मजूद थे. बताया जा रहा है की सभी दोस्त है और ब्रज की चौरासी कोसी परिक्रमा करने के लिए दिल्ली से मथुरा यात्रा के लिए गए थे. इस दौरान मुस्लिम दोस्तों ने मंदिर में मजूद पंडितों से धार्मिक चर्चा भी की. खैर तस्वीरें वायरल हुई विवाद हुआ, मुकदमा हुआ और गिरफ्तारी भी हुई.
गिरफ्तारी से ठीक पहले मीडिया को दिए इंटरव्यू में फैज़ल खान ने बताया की, “हम 84 कोस की सद्भावना यात्रा कर रहे थे. यात्रा के समापन के बाद हम नंदबाबा के मंदिर में पहुँचे थे. यहां हमने पुजारियों की मंज़ूरी के बाद नमाज़ पढ़ी थी. अब पता चला है कि हमारे ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज हुआ है. उस समय पुजारी हमसे प्रसन्न थे, वो सीधे-सादे आदमी हैं, ज़रूर किसी दबाव में होंगे.”
मीडिया ने जब नंद बाबा मंदिर के एक सेवादार सुशील गोस्वामी से बातचीत की तो उन्होंने कहा की हमने दोनों मुस्लिम दोस्तों को मंदिर में आने और धार्मिक चर्चा करने की अनुमति दी थी लेकिन हमें भी सोशल मीडिया पर तस्वीरें देखने के बाद पता चला की यह लोग यहां पर नमाज़ अदा करके गए हैं.
मीडिया ने पता लगाया है की यह दोनों मुस्लिम दोस्त ख़ुदाई ख़िदमतगार दिल्ली की एक ग़ैर-सरकारी संस्था से जुड़े हुए हैं जो शांति, भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ाने के लिए 2011 से अपना काम कर रही हैं. इस संस्था को एक हिन्दू द्वारा चलाया जा रहा है नाम है पवन यादव. जो बताते हैं कि संस्था की ओर से सभी धर्मों के बीच सौहार्द बढ़ाने के लिए हम पहले भी कई मंदिरों में जा चुके हैं.
फ़ैसल ख़ान इससे पहले धारा 144 के उल्लंघन के लिए कश्मीर में गिरफ्तार भी हो चुके हैं. उन्हें कश्मीर के एयरपोर्ट से हिरासत में लेकर वापिस दिल्ली भेज दिया गया गया था. बताया जा रहा है की यह कश्मीर की यात्रा वह डॉक्टर संदीप पांडेय नाम के व्यक्ति और कुछ अन्य साथियों के साथ कर रहे थे, जबकि वहां धारा 144 लागु थी.