क्या सच में फ्रांस इस्लामिक आतंकवाद को भड़काने का कर रहा है काम

फ्रांस यूरोप का एक ऐसा देश है जो हमेशा भारत और अमेरिका जैसे देशों पर इस्लामिक फोबिया देश होने का आरोप लगाता रहा है. पिछले काफी समय से वह मुस्लिम शरणार्थियों के लिए सबसे खूबसूरत देश बना हुआ था. नतीजा वही हुआ जिसका भारत और अमेरिका जैसे देशों के लोग पहले से अंदाज़ा लगाए बैठे थे.

मात्र एक कार्टून ने मुसलमानो की धार्मिक भावनाएं आहात कर दी और फ्रांस की सड़कों पर खून बहने लगा. अब फ्रांस के गृह मंत्री ने बयान देते हुए कहा है की फ्रांस में मजूद तमाम मुस्लिम संगठनों के खिलाफ उनकी सरकार एक्शन लें रही हैं. फ्रांस की सड़कों पर सेना की तैनाती की जा चुकी है और सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले लोगों के खिलाफ भी एक्शन लेने की पूरी तैयारी हो चुकी हैं.

ऐसे में अब मुस्लिम संघठनों का कहना है की फ्रांस इस तरह से आतंकवाद को रोक नहीं रहा बल्कि इससे मुस्लिम और ज्यादा भड़केंगे. फ्रांस की सरकार ने कई लोगों पर कार्यवाही करते हुए उन्हें देश से बाहर निकाल दिया है, फ्रांस ने पाकिस्तानी लोगो के भी वीज़ा कैंसिल करके उन्हें अपने देश वापिस जाने का फरमान सुना दिया हैं.

फ्रांस में एक बराकासिटी नाम का NGO था जिसे फ्रांस सरकार ने बैन लगाते हुए कहा है की यह NGO फ्रांस में होने वाली हर आतंकवादी घटना को काफी समय से सही ठहरा रहा था. जिस वजह से लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए प्रेरित हो रहे थे. Le Collectif contre l’islamophobie en France नाम की एक NGO को भी फ्रांस सरकार ने बैन करने की कार्यवाही शुरू कर दी हैं.

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो ने अपने बयान में कहा है की, “अभिव्‍यक्ति के अधिकार को बिल्‍कुल भी कमजोर नहीं किया जाएगा. धर्मनिरपेक्षता के फ्रांसीसी रूप को भी सभी जगह बरकरार रखने का संकल्‍प लिया गया है.” आपको बता दें की फ्रांस में बहुत सारे मुस्लिम लोगों की मांग थी की मैक्रो, कार्टून छापने वाली मैगज़ीन चार्ली हेब्दो पर कार्यवाही करे जबकि मैक्रो का कहना है की यह अभिव्यक्ति की आज़ादी हैं.

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