भारत के पहले गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की कल शनिवार को 145वीं जयंती थी. इसी के साथ देश की तमाम हस्तियों और राजनेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस बीच कंगना रनौत ने भी सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को 145वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और साथ ही उनसे जुड़ा एक किस्सा भी याद किया.
कंगना ने शनिवार को एक के बाद एक ट्वीट करते हुए एक महात्मा गाँधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू की कड़ी आलोचना भी की. कंगना ने अपने पहले ट्वीट में लिखा की, “उन्होंने गांधीजी को खुश करने के लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में सबसे योग्य और निर्वाचित पद का बलिदान दिया, क्योंकि उन्हें (गांधीजी) लगता था कि नेहरू बेहतर अंग्रेजी बोलते हैं. इससे सरदार वल्लभभाई पटेल को नहीं, लेकिन देश को कई दशकों तक नुकसान उठाना पड़ा. हमारे लिए अब जो ठीक है, उसे बेशर्मी से छीन लेना चाहिए.”
कंगना अपने दूसरे ट्वीट में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सबके सामने रखती है और लिखती है की, “सरदार पटेल भारत के असली लौहपुरुष हैं. मुझे लगता है कि गांधी जी नेहरू की तरह एक कमजोर दिमाग चाहते थे, ताकि वे खुद को सामने रखकर देश पर कंट्रोल कर सकें और सभी तरह के फैसले ले सकें. प्लान अच्छा था लेकिन गांधीजी के मरने के बाद जो हुआ, वह डिजास्टर था.”
कंगना अपने तीसरे और इस विषय पर अपने आखिरी ट्वीट में लिखती है की, “भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं. आप एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने हमें आज का भारत दिया है, लेकिन आपने प्रधानमंत्री पद से समझौता कर हमारे महान नेतृत्व और दूरदर्शिता को हमसे दूर किया है. हमें आपके फैसले पर गहरा अफसोस है.”
कंगना ही नहीं बल्कि देश में कई ऐसे महान व्यक्ति हुए हैं, जिनका कहना था की अगर देश का पहला प्रधानमंत्री नेहरू न होकर सरदार पटेल होते तो हमारे देश की दुर्दशा आज यह न होती. नेहरू दूरदर्शी सोच नहीं रखते थे, इसीलिए हमने चीन से जंग हारी, ओलिंपिक खेलों में ज्यादा ध्यान नहीं दिया. विकास की बात करें तो कांग्रेस नेता तब भी शिलान्यास करके भूल जाते थे और आज भी. ऊपर से देश के लोगों को जब आज़ाद भारत में आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाना था तब हम विदेशी कंपनियों और पैसे पर निर्भर हो गए. नतीजा आज़ादी से पहले 13 डॉलर का जो 1 रुपया होता था आज़ादी के बाद यह 1 डॉलर 1 रूपए का हो गया और आज तक यह गिर ही रहा है.