भारत में पाकिस्तान प्रेमी पार्टी और सबूत गैंग फैलाये हुए रायते को एक झटके में साफ़ करने वाले पाकिस्तान के सांसद अयाज सादिक ने भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की रिहाई को लेकर ऐसा बयान दिया की भारतीय राजनीती में इसका तहलका मच गया.
एक तरफ बिहार चुनाव में जहां नरेंद्र मोदी ने कहा की भारतीय सेना से सबूत मांगने वालों को जनता माफ़ नहीं करेगी, वहीं कांग्रेस का कहना है की हमने कभी सबूत मांगे ही नहीं. पीएमएल-एन के नेता और राष्ट्रीय असेंबली के पूर्व स्पीकर सादिक ने पाकिस्तान के मुख्य अखबार डॉन को दिए एक इंटरव्यू में कहा की, “वह अपने बयान पर कायम हैं लेकिन मैंने अभी इसकी जानकारी नहीं दी कि अभिनंदन वर्धमान को हिरासत में लिए जाने के बाद क्या हुआ था.”
एक तरफ इमरान खान जहां शांति के लिए अभिनंदन को छोड़ने की दुहाई दे रहे थे, वहीं भारतीय मीडिया इमरान खान को शांति दूत बनाने के लिए भरपूर प्रयास कर रही थी. इसके पीछे की सच्चाई बताते हुए भरी असेम्बली में सादिक ने कहा की, भारतीय सेना युद्ध की पूरी तैयारी कर चुकी थी.
सादिक ने डॉन को दिए अपने इंटरव्यू में आगे कहा की, “ये राजनीतिक मतभेद हैं. मेरे बयान को पाकिस्तान के सशस्त्र बलों से जोड़ने की उनकी कोशिश देश सेवा नहीं है. आप (सरकार) भारतीय मीडिया के हाथों का खिलौना बन गए और आपने पाकिस्तान के साथ न्याय नहीं किया है. मैं अपने बयान पर कायम हूं और आप भविष्य में देखेंगे कि मैं कई राज जानता हूं. मैं राष्ट्रीय सुरक्षा समिति का संचालन करता रहा हूं.”
आपको बता दें की सादिक ने अपने बयान में एक मीटिंग का जिक्र किया था, जिसमे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पीपीपी, पीएमएल-एन और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा मजूद थे. उन्होंने कहा था की बाजवा के माथे पर पसीना था और पैर काँप रहे थे, विदेश मंत्री ने उस वक़्त कहा था की अगर हमने अभिनंदन को नहीं छोड़ा तो भारत रात नौ बजे हमला करने की तैयारी कर चूका है. हमले के डर से इमरान खान की सेना ने अभिनंदन को छोड़ा था न की शांति की मिसाल बनने के लिए.