इस बार पश्चमी बंगाल में बीजेपी अलग उत्साह के साथ चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही हैं. इसके पीछे का कारण पिछले साल लोकसभा चुनावों में बीजेपी का बंगाल में 42 में से 18 सीटों पर कब्ज़ा करने का हैं. इस बार जहां बीजेपी राज्य में सत्ता पाने का प्रयास करते हुए मैदान में उतरेगी वहीं तृणमूल कांग्रेस राज्य में अपनी सत्ता को बचाने के लिए पूरी कोशिश करेगी.
2021 की शुरुआत में होने वाले बंगाल के चुनाव, नार्थ ईस्ट के विकास के लिए बीजेपी का बंगाल में चुनाव जीतना बहुत ज्यादा जरूरी हैं. इसीलिए अब देश के गृह मंत्री अमित शाह बंगाल विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले पार्टी के संगठनात्मक मामलों के जरूरी मसलों को जानने के लिए, दो दिनों के लिए बंगाल के दौरे पर जाएंगे.
इससे पहले 6 नवंबर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा बंगाल जाने वाले थे, फिर बाद में तय हुआ की बंगाल में जे पी नड्डा नहीं बल्कि अमित शाह जायेंगे और वह भी 5 नवंबर को. बंगाल के बीजेपी महासचिव सयंतन बसु ने कहा की दो दिनों के दौरे पर अमित शाह पहले 5 नवंबर को मेदिनीपुर जिले का दौरा कर सकते हैं और फिर 6 नवंबर को वह पार्टी के नेताओं से मिलेंगे.
उन्होंने कहा की इन दो दिनों के दौरे में ही चुनावी रैलियों और उसकी तैयारियों की चर्चा की जाएगी. बताया जा रहा है की इस दौरान अमित शाह के इलावा विजयवर्गीय, उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष जैसे नेता भी स्थानीय नेताओं और प्रत्याशियों से बात करेंगे.
इस साल कोरोना की वजह से बीजेपी पहले ही चुनाव की तैयारियों में बहुत देर कर चुकी हैं, हालाँकि अमित शाह एक वर्चुअल रैली कर चुके हैं. बीजेपी का चुनावी मुद्दा इसबार पश्चमी बंगाल की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था होगा. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी बंगाल की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठा चुके हैं. इसके इलावा यहां आये दिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस या फिर लाल सलाम से जुड़े लोगों के घर बम बनाते हुए उड़ जाने की ख़बरें बताती है की वहां के हालात क्या हैं.