जैसा की हम सभी जानते है कोरॉना काल के वजह से आम आदमी की जेब वैसे ही भारी हो गई है। इसी बीच पेट्रोल डीजल हो या खाद्य पदार्थों के दामों में कुछ न कुछ गिरावट देखने के लिए मिल रही हैं। साथ ही आपको बता दें लंबे समय से चल रहे सरसों तेल के दामों में गिरावट अभी भी जारी ही नज़र आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों से सरसों तेल के दाम ₹200 से गिरकर 185 हो गए थे और वहीं अब सरसों तेल के दामों में और गिरावट देखने के लिए मिल रही हैं।
कारोबारियों ने इस बात का खुलासा किया है कि आगे इन दामों में और भी गिरावट देखने के लिए मिल रही हैं, क्योंकि सरसों उत्तर प्रदेश में काफी अच्छी मात्रा में देखने को मिल रही है। साथ ही सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों में कर को शून्य करने के वजह से इन रेट्स को भारी मात्रा में नीचे देखा जा रहा है। बीते एक महीने में अगर तेल के दामों पर नजर डाला जाए तो अक्टूबर-नवंबर में जो सरसों तेल 185 रुपये प्रति लीटर बेचाते गौर किया गया है। यह एक बड़ी राहत सभी आम आदमियों को मिलती हुई नज़र रही हैं।
सरसों तेल की कीमत हुई धड़ाम
जैसा की हम सभी जानते है इस समय वह घटकर 163 से 168 रुपये प्रति लीटर हो चुकी हैं। इसी प्रकार सोयाबीन का तेल नवंबर में 140 रुपये प्रति लीटर गया था वह इस समय घटकर 130 से 132 रुपये प्रति लीटर हो चुका है।
जानकारी दे दिया जाए कि ऐसे में कई दुकानदार फायदा उठाने के चक्कर में उसी दाम पर बेचकर लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश में लगे हैं। सरसों तेल के दाम पिछले दिनों एकाएक बढ़ती हुई नज़र आई। इससे गृहणियों का बजट बिगड़ता देखा गया। बाजार के जानकार बताया जा रहा हैं कि खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन का उत्पादन कम होने के वजह से सितंबर से ही भाव में तेजी शुरू हो गई थी। इससे सोयाबीन तेल के भाव सितंबर में 90 रुपये से बढ़कर जनवरी तक 140 रुपये प्रति लीटर तक हो चुका है।
जानकारी दे दिया जाए कि सरसों तेल के भाव में चार महीने में 45 रुपये प्रति लीटर की रिकार्ड तेजी से आम आदमी के घर का बजट बिगड़ता नज़र आ, लेकिन अब इसमें गिरावट शुरू हो चुकी हैं। इससे लोगों को आठ से दस रुपये तक बचत होती दिखाई दी।
सरसों तेल उम्मीद से ज्यादा हुआ सस्ता
आपको बता दिया जाए कि पहले 200-225 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा था। रिफाइंड तेल कीमत में भी बढ़ोतरी होती देखी गई, जो 150 रुपये प्रति लीटर बेचा गया है। बता दे पेट्रोल और डीजल के दामों में आई कमी का असर अब अन्य खाद्य वस्तुओं पर भी नज़र आने लगा है। धनबाद के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल के साथ लगभग हर तरह की के खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट नज़र आई है।