भारत डिफेन्स सेक्टर में अपने पड़ोसी देशों से टक्कर लेने के लिए तेज़ी से आगे बढ़ रहा हैं. इसके लिए भारत ने तीसरी पीढ़ी के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग (ATGM Nag) का भी सफल परीक्षण कर लिया हैं. यह तीसरा और आखिरी परीक्षण का इसके बाद यह भारतीय सेना के बड़े में जल्द ही शामिल कर लिया जाएगा. इस मिसाइल का आखिरी परीक्षण राजस्थान के पोकरण रेंज (Pokaran Range) में हुआ हैं.
इस मिसाइल का आखिरी ट्रायल असली वॉर हेड के साथ किया गया था और जिसके बाद मिसाइल ने निश्चित दूरी पर पड़े टैंक की बॉडी को भेदते हुए उसे तबाह कर दिया. इसके बाद भारतीय सेना ने नाग मिसाइल का उत्पादन भारत डायनामिक्स लिमिटेड और नामिका का उत्पादन मेडक की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को सौंप दिया हैं.
इस एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) द्वारा किया गया हैं, इसकी ख़ास बात यह है की यह मिसाइल दिन और रात दोनों परिस्थिति में कारगर साबित हुई हैं. यह नाग मिसाइल फायर एंड फॉरगेट और टॉप अटैक क्षमताओं के साथ साथ इसका कैरियर नामिका बीएमपी टेक्निक से बना हुआ हैं, जिससे यह मिसाइल नाले-नदी आदि को भी आसानी से पार कर सकती हैं.
इस मिसाइल के साथ ही भारत के पास भले ही चीन के मुकाबले में टैंक ज्यादा न हों, लेकिन दुश्मन के टैंक तबाह करने वाला हथ्यार जरूर मजूद होगा. नाग मिसाइल अभी तक दुनिया में बने हर प्रकार के टैंक के बख्तर को भेदने में सक्षम हैं. ऐसे में लद्दाख जैसे मैदानी और पथरीले इलाके हों या फिर राजस्थान जैसे रेगिस्तानी इलाके हों यह मिसाइल दुश्मनो के हौंसलो को पस्त करने के काबिल हैं.
भारतीय सेना को पता है की अगर इस बार भारत का युद्ध पाकिस्तान या फिर चीन किसी से भी शुरू हुआ तो यह युद्ध समुन्द्र, पाकिस्तान और चीन तीनो तरफ से बट जाएगा. ऐसे में अगर भारत किसी भी तरफ से कमजोर स्थिति में हुआ तो भारत के लिए अच्छा नहीं होगा. इसलिए पिछले कुछ सालों में मोदी सरकार सेना द्वारा मांगे जाने वाले आधुनिक हत्यारों की मांगो को पूरा कर रही हैं. यह मांगे बोफोर्स से बाद से उठ रही थी, लेकिन बोफोर्स घोटाले के बाद भारतीय सेना को कभी आधुनिक हथ्यार मुहैया करवाने पर चर्चा नहीं हुई.