चीन को लेकर दुनिया भर में धारणा है की, यह लोगों की सोच पर सीधा अपना असर डालता हैं. इसकी बड़ी कंपनी या फिर ब्रांड्स के पीछे सीधा चीनी सरकार का हाथ होता हैं. ऐसे में एक बार फिर यह बात साबित भी होती हैं, दरअसल चीन के मोबाइल ब्रांड Xiaomi के MD मनु जैन अरुणाचल प्रदेश को शायद भारत का हिस्सा नहीं मानते.
अरुणाचल प्रदेश एक ऐसा विवादित क्षेत्र है, जिसको लेकर चीन शुरू से ही अपनी विस्तारवादी निति के चलते अपना हक़ जताता हुआ आया हैं. ऐसे में चीनी कंपनी के मोबाइल फ़ोन मैप में अरुणाचल प्रदेश और लेह का जिक्र न होना दर्शाता है की, खुद को देशभक्त और भारतीय कहने वाले Xiaomi के MD मनु जैन केवल और केवल चीनी सरकार के भारत में बैठे हुए एजेंट हैं.
इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक यूजर ने मौसम के पूर्वानुमान वाले मैप के फीचर में अरुणाचल प्रदेश और लेह के मौसम की जानकारी लेने के लिए मैप खोला, उसमे अरुणाचल प्रदेश और लेह की जानकारी ही नहीं थी. ऐसे में सोशल मीडिया पर उसने पोस्ट किया और देखते ही देखते यह बात पूरी तरह से फ़ैल गयी की Xiaomi के फ़ोन में अरुणाचल प्रदेश और लेह को भारतीय हिस्सा नहीं बताया जा रहा.
देश के सबसे बड़े टेक यूट्यूबर ‘टेक्निकल गुरूजी’ ने भी इस खबर की पुष्टि की और उन्होंने Xiaomi के MD मनु जैन से इस खबर का संज्ञान लेने को कहा. ऐसा पहला मामला नहीं है की जब किसी चीनी कंपनी ने भारत में कुछ ऐसा किया हो. आपको याद होगा की दिल्ही दंगो के दौरान भी Tik Tok पर भड़काऊ वीडियो जमकर वायरल हो रहे थे. रिपोर्ट करने पर भी इन भड़काऊ वीडियो को हटाया नहीं जा रहा था.
शायद यही कारण है की, मोदी सरकार पिछले कई सालों से चीनी कंपनीज पर नकेल कस रही हैं. विपक्ष भले ही ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मज़ाक उड़ाता हो. लेकिन मोदी सरकार पिछले कुछ सालों में टिकटोक और पबजी जैसी बड़ी ऐप्स को बंद करके अपने मंसूबे जाहिर कर चुकी हैं. सूत्रों की माने तो मोदी सरकार चीनी मोबाइल पर टैक्स बढ़ा सकती हैं, जिससे चीनी फ़ोन सैमसंग, नोकिया, एलजी, मोटोरोला और माइक्रोमैक्स जैसी कंपनीज के मुकाबले ज्यादा महंगे हो जायेंगे. नतीजा धीरे धीरे मोबाइल सेक्टर में चीनी कंपनीज का दबदबा ख़त्म हो जाएगा.