आज हम बात करने जा रहें हैं माधवनगर थाना क्षेत्र के निवार चौंकी की कमान संभालने वाली राखी पांडेय से. इससे पहले यह स्लीमनाबाद, उमरियापान और महिला थाने में ड्यूटी के दौरान भी कुछ ऐसे कारनामे किये हैं की वह के माफिया आज भी राखी पांडेय के नाम से धर-धर कांपते हैं.
राखी बताती हैं की उनके पिता सेना में जवान थे और जब भी वह आपने पिता को वर्दी में देखती तो उनमे भी बड़े होकर वर्दी पहनने का जूनून सवार हो गया. एक तरफ PSE की तैयारी करने वाली राखी पांडेय की 2016 में पुलिस में नौकरी तय हो गयी. राखी पांडेय का कहना हैं की मेरा मानना हैं की काम ऐसा करना चाहिए जिससे एक तरफ लोगों का पुलिस पर विश्वास बना रहें और दूसरी ओर माफिआयों में डर का माहौल बना रहे.
स्लीमनाबाद में ड्यूटी के दौरान राखी पांडेय ने लड़कियों के स्कूल और कॉलेज के आगे खड़े आशिकों को इतना डराया की वह स्कूल और कॉलेज से दूरी बनाकर चलने लगे. कई सालों से चले आ रहे अवैथ शराब के कारोबार का भांडा फोड़ा और मुख्य आरोपी को जेल के पीछे भेजने में कामयाब रही. इस दौरान उन्होंने 7 ऐसे मामले सुलझा लिए जो की धारा 307 में आते थे.
उमरियापान में ड्यूटी के दौरान राखी पांडेय ने उन्होंने यहाँ सबसे पहले रेत माफियाओं पर लगाम लगाई और उन्हें सलाखों के पीछे पहुँचाया. इसके बात जुआ सट्टा खेलने वालों को पकड़ा, फिर रेलवे लाइन के रास्ते पर कब्ज़ा करने वाले भू-माफिआओं पर भी मुकदमे दर्ज़ किये.
अब वह माधवनगर थाना में निर्वाचित हुई हैं ऐसे में सबको उम्मीद हैं की वह इस क्षेत्र में बढ़ते हुए अपराध पर लगाम लगाएंगी. राखी पांडेय ने आपने काम से साबित किया हैं की अगर पुलिस चाहे तो अपराध और अपराधी जितना भी बड़ा हो उसे ख़त्म किया जा सकता हैं. राखी पांडेय को अगर आप रियल लाइफ लेडी सिंघम कहें तो यह बात गलत नहीं होगी.