बिहार चुनाव सर पर हैं और वहां पर राजनीतिक आरोपों के प्रहार पुरे जोरो-शोरों से चल रहें हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपनी संपत्ति का जो ब्यौरा दिया गया हैं, उसको लेकर बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सवाल खड़े कर दिए हैं.
सुशील कुमार मोदी ने मीडिया के सामने सवाल उठाते हुए कहा की, मात्र 31 साल की उम्र में तेजस्वी यादव 52 से ज्यादा संपत्ति के मालिक आखिर कैसे बने वो भी तब जब उन्होंने 9वीं तक मुश्किल से पढ़ाई की, क्रिकेट में भी विफल रहे, ना कोई नौकरी की, ना व्यवसाय किया, ना कोई पुश्तैनी संपत्ति थी. ऐसे में इतनी संपत्ति के मालिक बने कैसे?
आपको शायद पता न हो लेकिन तेजस्वी यादव IRCTC घोटाले में Charge Sheeted हैं, अब तक उनके खिलाफ मामला कोर्ट में साबित हो भी जाता. लेकिन महामारी के चलते मामला अभी तक जांच प्रक्रिया तब नहीं पहुंचा जिस वजह से वह बेल पर बाहर घूम रहें हैं. जबकि बात करें लालू प्रसाद यादव की तो वह पहले से ही चारा घोटाला मामले में जेल की हवा का आनंद उठा रहे हैं.
इससे एक दिन पहले बुधवार को तेजस्वी यादव के बड़े भाई ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था. तब भी मीडिया से बातचीत करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा था की 2015 में पहली बार विधायक बनने वाले तेज प्रताप यादव बिना नौकरी और बिजनेस के आखिर कैसे 28 से ज्यादा संपत्ति के मालिक बन गए?
यही नहीं सुशील कुमार मोदी ने कहा की क्या तेज प्रताप यादव राज्य के गरीब युवाओं को टिप्स देते हुए नहीं बताएंगे की आखिर उन्होंने कैसे बिना नौकरी और बिज़नेस किये 29 लाख की बीएमडब्ल्यू कार और 15 लाख की अमेरिकन रेसिंग बाइक खरीदी.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठता हैं की अगर राजनीती राज्य के लोगों की सेवा करने का एक मार्ग भर हैं तो आखिर इस मार्ग पर चलने वाला इंसान मात्र एक बार विधायक भर बनने के बाद अपनी सात पुश्तों के लिए धन की व्यवस्था कैसे कर लेता हैं? आखिर ऐसी कौनसी ईमानदारी है, जिससे राज्य की जनता और गरीब होती चली जाती है और उनपर राजनीती करने वाले अमीर.