आपकी जानकारी के लिए बता दें, भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी और बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर को ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC)’ के एक कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बुलाया गया हैं। वैसे तो यह काउंसिल मुस्लिम के हित के लिए बनाया गया था, पर इसका रुख हर बार भारत विरोधी रहा हैं। यहीं नहीं, खबर तो यह भी है, अमेरिका में ‘भारत में मुस्लिम खतरे’ में वाला माहौल बनाने में और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में नैरेटिव फैलाने में इस काउंसिल का हाथ है, इन सब के अलावा ऐसा बहुत कुछ है जो इस संस्था को सक के घेरे में डालता है, तो चलिए जानते है उनमें से कुछ महत्वपूर्ण पहलू। ये भी पढ़े- Katrina Kaif से लेकर Kajol तक, इन एक्टर्स ने काफी छोटी उम्र में झेला पेरेंट्स के Divorce का दर्द
आपकी जानकारी के लिये बता दें, ‘DisInfo Lab’ नाम के ट्विटर हैंडल ने IAMC की करतूतों के बारे में बताते हुए एक ट्विटर थ्रेड के जरिए इन दोनों के वहाँ जाने के फैसले का विरोध किया हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि, इस संस्था के संस्थापक शेख उबैद ने रोहिंग्या मुस्लिमों के नाम पर फंड्स जुटाकर ‘अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF)’ में भारत को ब्लैकलिस्ट कराने के लिए लॉबिंग किया हैं।
यहीं नही, इस संस्था ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को ‘फासी वादी’ बताने के साथ साथ ‘बराबरी और सहिष्णुता’ की बातें करते हुए भारतीय अल्पसंख्यकों के नाम पर देश को बदनाम किया हैं। इसके अलावा इसके पाकिस्तान स्थित आतं की संग ठनों ‘लश्कर-ए-तैय्यबा’ से भी लिंक्स सामने आए है, जो भारत से जम्मू कश्मीर को अलग करने के लिए अभियान चलाते रहते है, जिसके जरिए वे खुलेआम तालिबान का समर्थन करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना संक्रमण आपदा के पीक के दौरान इस संगठन ने भारत की मदद के नाम पर रुपए जुटा कर डकार लिए थे।
यह तो कुछ भी नही है,CAA विरोधी आंदो लन से लेकर त्रिपुरा हिंसा तक, IAMC के खिलाफ UAPA के तहत फेक न्यूज़ फैलाने के आ रोप भी लगे हैं। और खबर तो यह भी है, इस काउंसिल में शामिल लोग पाकिस्तानी फ़ौज के अधिकारी हुआ करते थे, जो काफी सोचने वाली बात हैं।