आपकी जानकारी के लिए बता दें, एक साल पहले बैंगलोर में टेस्ला ने टेस्ला इंडिया मोटर्स और एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्ट्रेशन कराकर भारत में प्रवेश किया था। पर हैरानी की बात यह है कि अभी तक इस कंपनी ने देश में अपने किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन को पेश नहीं किया हैं। ऐसे में इस कंपनी के भारत में वृद्धि होने के बजाय मार्केट तुर्की में प्रवेश करने से भारत को एक बड़ा झटका मिला हैं। रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला के ऐसा करने के पीछे एक बड़ी वजह है, तो चलिए जानते इससे रिलेटेड पुरी बात। ये भी पढ़े- Katrina Kaif से लेकर Kajol तक, इन एक्टर्स ने काफी छोटी उम्र में झेला पेरेंट्स के Divorce का दर्द
खबर के अनुसार, इसके पीछे की वजह है, भारत सरकार द्वारा टेस्ला की कारों पर आयात शुल्क (Import Duty) को कम न करना। वहीं टेस्ला के सीईओ Elon Musk चाहते है कि भारत सरकार ऐसा करे ताकि विदेशों में बनी Tesla की कारों को आसानी से भारतीय बाजारों में बेचा जा सके।
वहीं भारत सरकार का कहना है कि, टेस्ला कंपनी पहले भारत में बनाएं फिर छूट की बात करें, वहीं टेस्ला निर्माण करने की बजाय यहां आयातित कारें बेचना चाहती हैं। हालांकि, सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टेस्ला को छूट देकर वे पूरे उद्योग को वह गलत संदेश नहीं देना चाहते इसके अलावा, कई देसी कंपनियों ने भी यहां भारी निवेश किया हैं।
वहीं खबर के मुताबिक, टेस्ला ने कई फास्ट चार्जिंग पॉइंट बुल्गारिया, सर्बिया, रोमानिया और अन्य देशों में निर्यात किए है, साल 2021 में तुर्की में लगभग 4,000 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई थी, जो 2020 में दोगुने से भी ज्यादा हो गई थी। वहीं उम्मीद लगाया जा रहा है की भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार वर्ष 2026 तक बढ़कर 47 अरब डॉलर पहुंच जाएगी।