पाकिस्तान चीन की गुलामी में अब इस कदर डूब चूका है, कि अपने सैनिकों से अभद्रता पर भी वो खामोश है। उल्टा सैनिकों को ही संयम बरतने के लिए बोला जा रहा है। चीन और पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के काम में जो कुछ चीनी मजदूर लगे हुए है उनकी तरफ से पाकिस्तानी सैनिक से मार पिटाई का मामला भी सामने आया है। उन्होंने इससे संबंध में लेफ्टिनेंट कर्नल इमरान कासिम ने वरिष्ठ अधिकारियों को भी पत्र लिखा है, लेकिन इसमें उन्होंने दोषी चीनियों पर कार्रवाई करने के बदले सेना को और सरकार सैनिकों को ही चुप कर रही है। उसकी तरफ से जवानों को संयम रखने की सलाह दी जा रही है।
वैसे तो बहावलपुर में जो पाकिस्तान की सेना है उनकी वो स्पेशल सिक्योरिटी डिवीजन की 27वीं विंग के प्रमुख इमरान कासिम की तरफ से अब वरिष्ठ अधिकारियों को भी जो पत्र लिखा है वो अब मीडिया में लीक हो गया है। जिसके बाद से ही इस मुद्दे को लेकर अभी काफी ज्यादा बवाल मचा हुआ है। अब भले ही इमरान कासिम की सरकार ने अपना रुख बिलकुल स्पष्ट कर दिया हो वो ये है कि चीनी नागरिकों के खिलाफ अब कोई भी कार्रवाई नहीं होगी।
इस पत्र के हिसाब से चीनी मजदूरों के बीच और सैनिकों के बीच झड़प की घटना 21 जुलाई की थी। तब पाकिस्तान के 6 सैनिकों के एक दल को चार चीनी सैनिकों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था पर ये मजदूर CPEC की मेनलाइन पर काम कर रहे थे, जो अब कराची और पेशावर को जोड़ती है। इन मजदूरों का लीडर एक चीनी को छोड़कर दूसरी साइट पर जाना चाहता था, लेकिन पाकिस्तान के सैनिक इसके लिए तैयार नहीं थे।
इस पत्र में ये बोला गया है, कि सैनिकों के पास कोई ट्रांसलेटर नहीं था। इसलिए पाकिस्तान की सेना के प्रतिनिधि हवलदार असद उल्लाह ने इसअनुमति के लिए आर्मी कैंप में फोन लगाने का फैसला लिया। लेकिन वो इससे पहले कि कॉल करते उस से पहले ही चीन के मजदूरों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी थी। फिर उस कर्नल के पत्र में इस पूरी घटना की जानकारी दी गई। लेकिन वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और सरकार ने इसे अनसुना कर दिया।
अब उल्टा सैनिकों को इसी तरह की गतिविधियों से बचने की सलाह दी है और ये सलाह उनको आर्मी हाईकमांड ने दी है। अब उनकी तरफ ये से साफ-साफ बोल दिया हैं कि चीन के नागरिकों से किसी भी सूरत में न उलझा जाए। वैसे तो ये कोई पहला मामला नहीं है पाकिस्तान में चीन के नागरिकों की उदंडता का। चीन के एक इंजीनियर ने 2018 में भी पाकिस्तान के पुलिस कर्मियों के साथ अभद्रता की थी।
तब इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसमे चीन के इंजीनियर जो नाराज थे उनको पाकिस्तान की पुलिस की गाड़ी के बोनेट पर खड़ा करके दिखाया गया था। वो विवाद के टाइम जल्द ही आक्रामक हो जाते हैं क्योकि पाकिस्तान में CPEC के ज्यादातर कर्मचारी चीन की सेना से ही जुड़े हैं और उन्हें मार्शल आर्ट के साथ-साथ हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।