विवाद हल करवाने पहुंची थी पुलिस, उन्ही को बंधक बना लिया और छीन लिए उनके हथियार

विकास दुबे का खौफ पुलिस के अंदर इस कदर था कि पुलिस विकास के खिलाफ केस दर्ज़ करने से भी डरती थी। वैसे तो विकास दुबे का विवाद राहुल तिवारी नाम के एक इंसान के साथ हुआ था। क्योंकि विकास दुबे ने राहुल तिवारी को एक जमीन बेचने से रोक रहा था। और राहुल को काफी धमकिया भी दे रहा था। जिसके बाद अब राहुल तिवारी ने पुलिस से मदद मांगी और फिर चौबेपुर एसओ विनय तिवारी के पास जाकर विकास दुबे के खिलाफ केस दर्ज़ किया। लेकिन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी ने केस दर्ज़ करने की जगह इस पुरे मामले को लेकर पंचायत बुला ली और फिर उन्होंने अपने थाने के कुछ पुलिसकर्मियो को और राहुल तिवारी को लेकर विकास दुबे के घर चले गए।

जमीन विवाद को हल करने के लिए जब पुलिस राहुल तिवारी को लेकर विकास दुबे के घर पर जा रही थी। तब विकास दुबे ने पुलिस को ही बंधक बना लिया था तब विकास दुबे के गुंडों ने उन सारे पुलिस वालो से उनके सारे हथियार चीन लिए थे और उन सब को एक कमरे में अंदर बंद कर दिया था। फिर उसके बाद उन्होंने राहुल तिवारी की बहुत ज्यादा पिटाई की थी, फिर पिटाई से बचने के लिए राहुल तिवारी ने जमीन न बेचने पर राजी हो गए थे। जिसके बाद विकास दुबे ने राहुल तिवारी को और पुलिस को छोड़ दिया था।

इस घटना के बारे में पूरी जानकारी देते हुए राहुल तिवारी की माँ ने बोला कि 27 जुलाई की शाम को राहुल तिवारी अपने घर लौट रहे थे फिर रास्ते में विकास दुबे और उनके तीन साथी थे उन सबने उनको रास्ते में ही पकड़ लिया और जमकर उसकी पिटाई की और साथ में धमकी भी दी कि अगर जमीन बेचने की सोची भी तो जान से मार देंगे। उसके बाद राहुल तिवारी ने पुलिस से मदद मांगी। लेकिन उस से कुछ भी नहीं हुआ क्योकि वहा कोई भी सुनवाई नहीं की गई। दूसरी तरफ जब राहुल तिवारी ने दोबारा शिकायत की तो मंगलवार को चौबेपुर के एसओ विनय तिवारी ने बोला कि वो सारा मामला अब पंचायत ही करवा सकती है। जिसके बाद एसओ पोलिकर्मियो के साथ राहुल तिवारी को लेकर वो विकास दुबे के घर चले गए। लेकिन वह पर भी उन्हें बहुत ज्यादा मारा गया।

राहुल तिवारी की माँ के हिसाब से विकास दुबे के घर से लौटने के बाद राहुल तिवारी ने सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा से भी मदद मांगी थी। जिसके बाद सीओ ने घटना का संज्ञान लिया और फिर विकास दुबे के खिलाफ एक केस भी दर्ज़ किया। फिर केस दर्ज़ होने के बाद सीओ बिल्हौर ने अपने अफसरों से अनुमति ली और अपनी टीम को साथ ले जा कर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए चले गए। दूसरी तरफ विकास दुबे को पुलिस के आने की जानकारी पहले ही मिल गई थी और विकास दुबे ने पुलिस पर ही हमला कर दिया और इसी में आठ पुलिस वाले भी शहीद हो गए।

वैसे तो राहुल तिवारी अपने ससुर ललन शुक्ल की जमीन को बेचना चाहता था। स्वर्गवासी ललन शुक्ल के कुल तीन बेतिया और एक बेटा था। जिसमे से दो बेटियों की शादी हो चुकी थी और बेटे की शादी विकास दुबे की पारिवारिक बहन समीक्षा से हुई है। राहुल तिवारी अपनी छोटी साली का विवाह करवाने के लिए ललन की जमीन बेचने के पक्ष में था लेकिन विकास दुबे अपनी छोटी बहन समीक्षा को ये जमीन देना चाहता था और यही से ये लड़ाई-झगड़ा शुरू हुआ। अब ये भी कहा जाता है कि इस जमीन की कीमत 8 करोड़ रुपये है।

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