रेलवे 151 निजी ट्रेनों को भी जल्दी ही चलाएगी, तेजस एक्सप्रेस की तर्ज में। जिसके लिए अब उसने कवायद को भी शुरू कर दिया है। अब रेलवे ने जो 109 रूट पर ट्रेन चलती थी अब उन्होंने इन ट्रेनों के लिए निजी कंपनियों से टेंडर मगवाये है। अभी तो देश में आईआरसीटीसी दो निजी तेजस ट्रेनों का संचालन कर रहा है।
रेल मंत्रालय के हिसाब से निजी ट्रेनों को चलाने से काफी सारे लोगो को रोजगार मिलेगा और उसके साथ-साथ यात्रियों को भी आने-जाने में कम टाइम लगेगा। सिर्फ इतना ही नहीं यात्रियों को अच्छी सुरक्षा और विश्व स्तरीय सुविधाएं भी मिलेगी। फिलहाल ये सब पहली बार है जब रेलवे ने निजी कंपनियों से भी ट्रेन चलाने के लिए बोली मंगाई है, और ये सब ट्रेनें रेलवे के 12 जोन में चलाई जायगी।
1). ट्रेन का रेक यानि ऐसी गाड़ी जिसमें 12-26 डिब्बे होते है वो मेक इन इंडिया होनी चाहिए।
2). उस रेक को लाने और उसका परिचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी निजी ऑपरेटर्स की होगी।
3). ट्रेन की ज्यादा से ज्यादा रफ़्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जिससे यात्रा के टाइम में कटौती होगी।
4). अब 35 सालों के रेलवे निजी कंपनियों को भी छूट देगा।
5). ट्रेन में जितने भी रेलवे और गार्ड होंगे वो सब भारतीय रेलवे के ही होंगे।
6). कंपनियों को फिक्स्ड होलेज चार्ज, बिजली का बिल और आय में रेलवे के साथ भागीदारी करनी होगी।