पूरी में होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा पर जो रोक लगाई गई थी उसको सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है! पूरी में भगवान जगन्नाथ की पारंपरिक व ऐतिहासिक रथ यात्रा 23 जून को निकलेगी। मंदिर कमिटी, राज्य व केंद्र सरकार को समन्वय बना कर सुप्रीम कोर्ट ने इस रथ यात्रा को करने की अनुमति दी है!
Supreme Court says, Puri rath yatra will be held with coordination of Temple committee, State and central Govt without compromising with health issue. pic.twitter.com/EECA3dR3fT
— ANI (@ANI) June 22, 2020
22 जून को ओडिशा के पूरी में जो जगन्नाथ यात्रा पर जो रोक लगाई थी उसपर सुनवाई की और यात्रा पर लगी रोक उठा दिया।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र की तरफ से विशेष उल्लेख किया है। जनरल तुषार मेहता ने रथयात्रा पर अनुमति देने का अनुरोध भी किया।
तुषार मेहता का कहना है कि भगवान जगन्नाथ यात्रा की रीत सदियों पुराणी है और इस यात्रा को रोकना अच्छा नहीं होगा। हमे इस यात्रा को रोकना नहीं चाहिए।उनका कहना है कि कोर्ट को कुछ नियमो आदेशों के साथ यात्रा की अनुमति देनी चाहिए।
SG: Important to carry out the rituals.
CJI: We want to clarify that we are only considering this modification Application with respect to Puri. Not the entire state of Odisha.#PuriRathYatra
— Live Law (@LiveLawIndia) June 22, 2020
जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने वाले मामले में कहा कि यह कोई आम चीज नहीं लाखो करोड़ो लोगो की आस्था का मामला है! कल के दिन अगर भगवान जगन्नाथ को बाहर नहीं निकाला गया तो आगे उन्हें परम्परा के तहत 12 साल तक बाहर नहीं निकाला जाएगा।मुख्य न्यायधीश भी दोपहर बाद इस पीठ की चल रही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़ गए।
जनरल तुषार मेहता का कहना है, कि जगन्नाथ यात्रा में केवल उन लोगो को आने की अनुमति दी जाए जिनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया हो और जो जगन्नाथ मंदिर में सेवा कर रहे है! यात्रा में ज्यादा भीड़ इकठा न हो इसलिए कर्फ्यू लगा दिया जाए। कोर्ट के द्वारा नियमो आदेशों के साथ जन भागीदारी के बिना रथ यात्रा को सम्पूर्ण किया जा सकता है!
1. The Jagannath Temple Rath Yatra matter was mentioned before Justice Arun Mishra's Bench today by the Counsel for the State Government of Odisha, Mr. Harish Salve for modification of the order dated June 18, 2020.
— Indic Collective (@indiccollective) June 22, 2020
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने भी जगन्नाथ यात्रा का समर्थन किया है! हरीश साल्वे का कहना है कि अगर याचिकाकर्ता पूरे एहतियात साथ अगर रथयात्रा को आयोजित किया जाए तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है जस्टिस मिश्रा का कहना है, कि वह सभी मामलों की सुनवाई के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श लेकर आदेश में संशोधन के मामले पर विचार करेंगे।
2. The Bench has directed the matter to be listed at the end of the board after consulting with the Chief Justice of India.
— Indic Collective (@indiccollective) June 22, 2020
नागपुर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मामले की सुनवाई में जुड़े। CJI ने ही संशोधन की माँग वाले चल रहे 18 जून वाले मामले की अध्यक्षता की जाएगी।
Pleas seeking modification of the Ban imposed on this years #PuriRathYatra is likely to be taken up in SC at the end of board by a Justice Arun Mishra led bench.
Justice SR Bhat will not take up the issue of modification but will only deal the limited question of impleadment(s).
— Live Law (@LiveLawIndia) June 22, 2020
कोरोना महामारी की वजह से पहले 18 जून को 23 जून को पुरी (ओडिशा) में होने वाली जगन्नाथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर उन्होंने यात्रा की अनुमति नहीं दी तो भगवान जगन्नाथ उन्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे।
राजा गजपति दिब्यसिंह ने भी 20 जून को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर कहा कि वो भी सुप्रीम कोर्ट से जगन्नाथ यात्रा का का रूख करने की अपील करे। दिब्यसिंह देब के कहने के अनुसार भाजपा ने भी जगन्नाथ यात्रा कराने की अपील की। उनका कहना है, कि ओडिशा सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।
भुवनेश्वर के ओडिशा विकास परिषद एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा जिसमे उन्होंने कहा की इस यात्रा की वजह से कोरोना महामारी को भी बढ़ावा मिल सकता है! उनका कहना है कि अगर महामारी की वजह से दिवाली के पर्व पर पटाखे जलाने पर रोक लगाई जा सकती है तो रथ यात्रा क्यों नहीं।