भारत और चीन तनाव: प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की यात्रा रद्द, रक्षा मंत्री ने पीएम को दी जानकारी

भारत और चीन के बीच झड़प की खबर सामने आयी है, जो वास्तविक रूप से नियंत्रण रेखा पर है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प गलवन घाटी में हुई थी भारत और चीन की सेनाओं के मेजर जनरल ये सब जो तनाव चल रहा है उसे कम करने के लिए वो बातचीत कर रहे हैं।

इस झड़प में तीन भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए और भारतीय सेना के एक कमांडिंग अफसर भी शहीद हो गए और दूसरी तरफ चीन के भी चीनी सेना के पांच सैनिक मर गए, और 11 जवान भी गंभीर तरह से घायल है यही सूचना मिली है अभी तक। लेकिन चीन की सेना की तरफ से अभी तक कोई पुष्टि भी नहीं हुई है, लेकिन मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के वरिष्ठ पत्रकार जो कि चीनी सरकार से है, उन्होंने ही ये जानकारी सोशल साइट पर दी है कि चीनी पक्ष को भी बहुत भारी हानि हुई है।

समाचार एजेंसी आइएएनएस के हिसाब से जो भी जानकारी है वो सारी जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी को दी। राजनाथ सिंह ने इससे पहले भी तीनों सेनाओ के प्रमुखों और डॉ. एस जयशंकर जो कि विदेश मंत्री है, उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की और उन्होंने प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की पठानकोट सैन्य स्टेशन की यात्रा को भी रद्द कर दी है।

विदेश मंत्रालय ने चीन के इस झड़प का दोष पूरी तरह से भारत के भारतीय सेना पर लगा दिए थे। चीन के विदेश मंत्रालय ने ये भी बोला, कि 15 जून को भारत के भारतीय सेना ने जो वास्तविक नियंत्रण रेखा का बहुत बुरी तरह से उल्लंघन किया है। उन्होंने जो चीन के एरिया में घुस कर चीन की चीनी सैनिकों पर हमला किया है।

उन्होंने आगे ये भी बोला, कि भारत और चीन के बीच जो सीमा विवाद को सुलझाने के लिए और एलएसी पर शांति बनाने के लिए वो सहमत हैं। भारतीय पक्ष की तरफ से ये बोला है, कि जो हालात बिगड़ी है उस हालत के बिगड़ने के बाद भारत और चीन दोनो पक्षों के बीच में जो जमीनी तौर पर बातचीत हो रही है वो इस तनाव को खत्म करने के लिए की जा रही है।

भारत और चीन दोनों देशो के जवानों के बीच जो ये धक्का-मुक्की हो रही है, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वो कोई नई बात नहीं है, वो पहले भी काफी बार हो चुकी है, लेकिन भारत और चीन दोनों पक्षों की तरफ से पिछले चार दशकों से इस बात का ख्याल जरूर रखती है कि इसमें किसी की भी जान का कोई नुकसान ना हो।

15 जून को देर शाम को काफी घंटों तक गालवन एरिया में जो दोनों तरफ से लड़ाई झगड़े और झड़प हो रही है वसी झड़प पहले कभी नहीं हुई थी। 45 वर्ष पहले भी 1975 में चीन के सैनिकों ने भारतीय सीमा पर जो पैट्रोलिंग कर रहे है , उसमे असम राइफल्स के जवानों पर जो घात लगा कर हमला किया था उसमे चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे, और एलएसी पर काफी भारतीय जवानो की मौत भी हुई थी।

भारत और चीन दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में ब्रिगेड कमांडर और बटालियन कमांडर के बीच बातचीत जारी है, जो चीन के सैन्य जमावड़े को लेकर लड़ाई झगडे हो रहे है उस पर। सेनाओ के हिसाब से दोनों देशो के पक्षों के बीच लगातार कई बार बातचीत हुई और उस बातचीत से कई और स्थानों पर चीन और भारत दोनों देशों की सेनाएं पूरी तरह से पीछे हट चुकी हैं। इसलिए अब ये हिंसक झड़प की खबर अब सामने आई है।

हम आपको एक और बात बता दे कि लद्दाक बॉर्डर के पास माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ था क्योकि भारत और चीन के बिच पीछे काफी महीनो की शुरुआत से ही ऐसा माहौल बना हुआ था। मई महीने की शुरुआत में चीन के सैनिकों ने भारत की तरफ से जो तय की गई एलएसी है उसको उन्होंने पार कर लिया था। चीनी सैनिकों ने पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास आकर अपने तंबू भी गाढ़ लिए थे, और यहां पर सेनिको को भी तैनात किया गया था, जिसमे करीब पांच हजार सैनिक थे। इसके अलावा उन्होंने सेना का सामान भी इकट्ठा कर रखा था।

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