इधर आप कोरोना में फंसे रहे, उधर बिहार की राजनीती में फसा बड़ा पेंच

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली के जरिए बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार का बिगुल फूंक दिया है! अमित शाह से लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तक यह स्पष्ट कर चुके हैं कि एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा, लेकिन सीट बंटवारे पर अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है!

क्या लोकसभा चुनाव का फार्मूला 50-50 भाजपा-जदयू की विधानसभा सीटों को विभाजित करेगा या 2010 के सीट बंटवारे के फार्मूले को मंजूरी दी जाएगी?

बिहार में जहां महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर घमासान है, वहीं एनडीए में सीटों का बंटवारा आसान नहीं दिखता! बिहार में NDA में JDU, BJP और LJP शामिल हैं! भले ही बीजेपी ने नीतीश के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया हो, लेकिन क्या सीटों के बंटवारे में जेडीयू से कम सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति नहीं बनेगी? वहीं, रामविलास पासवान की एलजेपी पहले ही 43 सीटों पर दावा ठुकरा चुकी है!

बिहार में, 1996 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार और भाजपा की दोस्ती गिर गई! तब से, नीतीश कुमार बिहार में बड़े भाई की भूमिका निभा रहे हैं! 2010 के विधानसभा चुनाव में, भाजपा और जदयू ने आखिरी बार चुनाव लड़ा था!

2010 के फार्मूले के तहत, बिहार की कुल 243 सीटों में से, बीजेपी ने 102 सीटों पर और जेडीयू ने 141 सीटों पर चुनाव लड़ा! हालांकि, 2013 में यह गठबंधन टूट गया था और 2017 में दोनों दल फिर से एक साथ आए! हालांकि, अब स्थिति बदल गई है और भाजपा 2010 के सीट बंटवारे के फार्मूले पर सहमत हो गई है, यह कहना मुश्किल है!

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