Varkari community declared Sharad Pawar as anti-Hindu: एक तरफ पूरे महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के केस बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी ओर सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है! एनसीपी के मुखिया शरद पवार पर भगवान श्री विट्ठल के भक्तों की प्रमुख संस्था राष्ट्रीय वारकरी परिषद ने हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उनका बहिष्कार कर देने का फैसला किया है! राष्ट्रीय वारकरी परिषद की ओर से जारी किया गया परिपत्रक में वक्ते महाराज का कहना है कि शरद पवार को वारकरी समुदाय के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित ना किया जाए! अब आशंका यह लगाई जा रही है कि इससे विवाद बढ़ सकता है!
वक्ते महाराज का कहना है कि शरद पवार शुरू से लेकर आज तक हिंदू धर्म का विरोध करते रहे हैं! कभी हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामायण को लेकर कटाक्ष करते रहते हैं तो कभी पवार कहते हैं कि रामायण की कोई आवश्यकता ही नहीं है! यहां तक कि जब पांडुरंग की पूजा होती है तो उसमें भी गैरहाजिर रहते हैं! एनसीपी के मुखिया शरद पवार नास्तिक मंडली का समर्थन करते हैं! अगर पैसे के लालच में कोई उन्हें बुलाता है तो यह धर्म ही है!
इसलिए परिषद के किसी भी समारोह कार्यक्रम में शरद पवार को ना बुलाया जाए! आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र राज्य वारकरी परिषद का बहुत अधिक प्रभाव है! विशेष तौर पर मुंबई, पुणे, मराठवाड़ा और विदर्भ में वारकरी की संख्या बड़ी मात्रा में है! बता दें कि राष्ट्रीय वर्कर ई परिषद के वक्ते महाराज को साल 2018 में भारत सरकार ने ज्ञानबा तुकाराम पुरस्कार से सम्मानित किया था! वक्ते महाराज का हिंदूवादी संगठनों से घनिष्ठ संबंध बताया जाता है!