कांग्रेस नेता और स्व-घोषित दलित नेता उदित राज ने पु’लवामा ह’मले पर राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि 2024 में चुनावों से पहले पु’लवामा जैसे ह’मले हो सकते हैं! उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में बने रहने के लिए, मोदी सरकार ने 40 जवानों के जीवन का सौदा किया! उदित राज ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के दौरान, दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदायों के सैनिक हैं जिन्होंने ह’मलों में अपनी जान गंवाई!
अब सवाल यह उठता है कि उदित राज को कैसे पता चला कि पु’लवा’मा ह’मला 2024 में फिर से हो सकता है! 2024 में अभी भी 4 साल हैं! क्या उदित राज कांग्रेस पार्टी के इशारे पर आ’तंकवादि’यों से मिले हैं? क्या दूसरे पु’लवा’मा ह’मले की तैयारी पहले से ही शुरू हो गई है? ताकि यह 2024 में किया जा सके! मुझे लगता है कि उदित राज को इन सभी सवालों का जवाब देना चाहिए! क्योंकि उन्होंने किस आधार पर कहा, पु’लवामा ह’मला 2024 में फिर से होगा! यह जाने बिना कि कोई 4 साल पहले की योजना की भवि’ष्यवा’णी कैसे कर सकता है! केवल उदित राज ही इसे समझा पाएंगे!
उदित राज ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, राहुल जी ने बहुत अच्छी तरह से पूछताछ की है! पूरे देश को पूछना चाहिए कि पु’लवा’मा ह’मले में सच्चाई क्या है! जब 14 फरवरी 2019 को ऐसा हुआ, तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने देश भर में कैंडल मार्च निकाला! यह विपक्ष का काम है! पार्टी का काम मुद्दे का पता लगाना है! बीजेपी ने विपक्ष और पार्टी दोनों के काम को अपने ऊपर रखा और वह चुनाव जीता जिस को राहुल जी ने उठाया था! हम उनका पूरी तरह से समर्थन करते हैं! 2024 से पहले एक जांच होनी चाहिए वरना ऐसा ही कुछ 2024 में देश में होगा!
यहीं नहीं सैनिकों को जातियों में विभाजित करते हुए, उदित राज ने कहा कि जो लोग सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद का प्रचार करते हैं, वे अक्सर उच्च जाति के होते हैं और ह’मले में मुख्य रूप से जान गंवाने वाले सैनिक SC / ST / OBC समुदायों से आते हैं! हाशिये के समुदायों को सत्ताधारी सवर्णों की देशभक्ति की कीमत चुकानी पड़ती है!