आपको बता दिया जाए कि ऑस्ट्रेलिया के पर्थ का रहने वाला 26 साल का जिमी अपनी मां की आंखों से दुनिया देखता नज़र आ रहा है। दुनिया में जिमी ने अपनी मां की आंखों से खूब सारे नज़रों को महसूस किया है। बता दे अभी भी मां अपने बेटे को दुनिया की सैर करवाती रहती हैं। 26 साल का जिमी बचपन से देख नहीं पाता है और उसकी मां निक्की अंतरम उसे अपनी पीठ पर बिठाकर दुनिया की सैर करा रही है। मां निक्की अपने 26 साल के बेटे जिमी के साथ कई देशों की यात्रा कर चुकी हैं और जिमी उनकी पीठ पर सवार होकर दुनिया देख रहे हैं। ये भी पढ़े- उर्फी जावेद ने UP के CM योगी आदित्यनाथ के साथ अटैंड की ऑफिशियल मीटिंग?
वर्ल्ड टूर का वादा
17 साल की उम्र में जिमी को जन्म देने वाली मां निक्की को जब पता चला कि उसका बेटा देख नहीं सकता तो उसने खुद से वादा किया कि वह अपने बेटे को अपनी आंखों से पूरी दुनिया दिखाएगी। मां निक्की अपने बेटे के साथ वर्ल्ड टूर पर निकली हैं। कोविड की वजह से भले ही दुनिया के कई देशों के दरवाजे बंद हैं, फिर भी निक्की और जिमी का ये सफर खत्म नहीं हुआ है।
मां निक्की 43 साल की हैं
मां निक्की अब 43 साल की हैं और बेटा जिमी 26 साल का। माँ निक्की जानती है कि वह अपनी पीठ पर बैठाकर अपने बेटे के साथ अब यात्रा नहीं कर सकती है, इसलिए वह थोड़ी चिंतित है। लेकिन, वह घबराई नहीं है। वह अपने बेटे की पीठ पर उम्मीद बिखेरती है और आगे की यात्रा की योजना बनाती है। जिमी बचपन से ही देख नहीं जा सकता और जिमी कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का शिकार भी होता है। इसलिए 26 साल की जिमी का ज्यादातर काम मां निकी करती है और जिमी को 24 घंटे देखभाल की जरूरत होती है।
थका देने वाला सफर
मां निक्की अपने बेटे के साथ जहां भी ट्रैवल करती हैं, उसे इंस्टाग्राम पर अपने फॉलोअर्स के साथ शेयर करती हैं और अपने ट्रैवल एक्सपीरियंस को लोगों के साथ शेयर करती हैं। खासकर जब डेली मेल में मां-बेटे की कहानी प्रकाशित हुई है, तो लोग तेजी से उनके इंस्टाग्राम से जुड़ रहे हैं, जहां मां निक्की अपनी कहानी लोगों के साथ साझा करती हैं। मां निक्की के मुताबिक, उनके पास बेटे जिमी के लिए व्हीलचेयर है, लेकिन वह अपने बेटे को व्हीलचेयर पर नहीं बल्कि अपनी पीठ पर ले जाने का फैसला करती है। डेली मेल ऑस्ट्रेलिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘बड़ी छुट्टियों की योजना बनाते समय, मैं हमेशा यह सुनिश्चित करती हूं कि मेरे पास ढेर सारे कपड़े और यहां तक कि बेड पैड, चादरें और तकिए भी हों।
कनाडा जाने की योजना बना रहे हैं
43 साल की निक्की और जिमी अब तक कई देशों की यात्रा कर चुके हैं और अब मां निक्की बताती हैं कि, वह अब उम्रदार होती जा रही हैं और हो सकता है कि वह अपने बेटे को लंबे समय तक अपनी पीठ पर बिठाकर चल न पाए। उन्होंने कहा कि अब जिमी को पीठ पर बिठाकर लंबी दूरी तय करना थका देने वाला है। दोनों अब तक हवाई, बाली और ऑस्ट्रेलिया के कई स्थानों की यात्रा कर चुके हैं और अब कनाडा जाने की योजना बना रहे हैं। मां निक्की बताती हैं कि, धीरे-धीरे अब उन्हें कई लोग जानने लगे हैं और उन्हें ज्यादातर जगहों पर लोगों का प्यार भी मिलता है तो कई जगहों पर उन्हें काफी आसानी भी होती है।
आपको बेटे के बारे में कब पता चला?
मां निक्की बताती हैं कि जिमी के जन्म के करीब 2 महीने बाद उन्हें पता चला कि वह देख नहीं सकते। निक्की के मुताबिक, जब वह 2 महीने का था, तब उसकी दादी को एहसास हुआ कि जिमी उसके खिलौनों तक नहीं पहुंच सकता और फिर डॉक्टर ने पुष्टि की कि वह देख नहीं सकता।
मिर्गी की बीमारी
साथ ही, जब जिमी 6 महीने के थे, तब उन्हें एहसास हुआ कि जिमी को भी मिर्गी की बीमारी है, हालांकि मां निक्की का कहना है कि, कई सालों के इलाज के बाद, उन्हें अब मिर्गी नहीं हुई। मां निक्की बताती हैं कि बेटा जिमी उनके जीवन की असली ताकत है और वह उनके लिए प्रेरणा रहा हैं, जिन्हें वह हमेशा खुश और मुस्कुराते हुए देखना चाहती हैं। माँ निक्की बताती हैं कि, भले ही जिमी उसे देख नहीं सकता, लेकिन वह जानती है कि जिमी वही है जो वह सोचता है।