उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देश’व्यापी विरोध के बीच एक बड़ा बयान दिया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, डीजीपी ने पूरे हिं’सा के लिए कट्ट’रपंथी समूहों और मुख्यधारा के राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पश्चिमी यूपी में भ’ड़के विरोध के लिए भारतीय जनता पार्टी (पीएफआई), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) सहित समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार बताया। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने पीएफआई के तीन अधिकारियों मोहम्मद वसीम, नदीम अली, मोहम्मद रफाक को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने पूछताछ के दौरान प्रद’र्शनों के दौरान हिं’सा भड़काने की योजना का खुलासा किया।
गौरतलब है कि यूपी डीजीपी का बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में 18 लोगों की मौत के लिए पुलिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लेकिन, यहां यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि कट्ट’रपंथी समूह और समाजवादी पार्टी के बयानों में लगभग समानता है। क्योंकि दोनों ही वर्तमान सरकार और राज्य पुलिस को इस हिं’सा के लिए ज़िम्मेदार ठहराना चाहते हैं। आपको बता दें कि रविवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदर्श’नकारियों के विरोध को शांतिपूर्ण बताते हुए सभी हिं’सा के लिए सरकारी मशीनरी को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन, डीजीपी के अनुसार, उनके विरोध के दौरान, प्रद’र्शनकारियों ने राज्य के 7 जिलों में 100 करोड़ से अधिक की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। जिसको देखते हुए प्रशासन ने भी उन पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
एक जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने अब तक 925 लोगों को गिरफ्तार किया है और राज्य में 213 मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा, पुलिस ने संभल, कानपुर, रामपुर, लखनऊ, अलीगढ़, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और मेरठ जैसे स्थानों पर 500 गैर-प्रतिबंधित कारतूस भी बरामद किए हैं। पुलिस पर ह’मला करने के लिए प्रदर्श’नकारियों द्वारा इस्तेमाल किए गए देसी कट्टे भी पुलिस जांच में पाए गए हैं। पुलिस महानिदेशक के अनुसार, चूंकि पुलिस ने हिं’सा रोकने के लिए कारतूसों का इस्तेमाल नहीं किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि दं’गाइयों ने पुलिस पर इन गोलियों का इस्तेमाल किया। इसके कारण कम से कम 62 पुलिसकर्मी घा’यल हो गए (गोली लगने से)। जबकि घाय’ल पुलिस’कर्मियों की कुल संख्या 288 (गोली या अन्य चोटें) हैं। यहां बता दें कि पिछले चार हफ्तों में यूपी में हुई हिं’सा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह को नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में जवाब मांगा है। नोटिस में हिं’सा के दौरान होने वाली मौतों, इंटरनेट सेवाओं में व्यवधान और पुलिसकर्मियों द्वारा सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे बिं’दुओं पर जवाब मांगा गया है।