बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में बनाई जाती है जो कि हमारे देश के प्रतिभाशाली लोगों की जिंदगी से इंस्पायर्ड होती है। जैसे कि ‘महेंद्र सिंह धोनी’ की लाइफ के बेस पर बनी फिल्म “एम एस धोनी – दअनटोल्ड स्टोरी”। ऐसी और भी कई सारी फिल्में है जोकि देश के खिलाड़ी या फिर बैडमिंटन प्लेयर, राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री से लेकर राजा महाराजाओं के लाइफ को लेकर भी कई सारी फिल्में बनती हैं, जिनके ऑनस्क्रीन किरदार में हमारे बॉलीवुड के एक्टर्स नजर आते हैं। वही बॉलीवुड की कई ऐसी भी फिल्में हैं जिसको देख कई लोग इंस्पायर्ड हो जाते हैं। ये भी पढ़े- कियारा आडवाणी हो गई Oops मोमेंट का शिकार, वीडियो सामने आते ही फैंस के मुंह से निकला- ओह्ह
आज के इस पोस्ट में हम सनी देओल की एक ऐसी फिल्म के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसे देखने के बाद एक युवा इंस्पायर्ड होकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने का फैसला और IPS अधिकारी बनने में कामयाब रहा।
सनी देओल की फिल्म “इंडियन” देखकर भारत का एक शख्स आईपीएस अधिकारी बनने का सपना देखा कि उनकी जिंदगी सवर गई। इस फिल्म को देखने के बाद उन पर आईपीएस अधिकारी बनने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि बीच में मिली तीन सरकारी नौकरियों को भी उन्होंने छोड़ दिया और तब तक चैन की सांस नहीं ली जब तक अपना लक्ष्य नहीं पा लिया। इस आईपीएस अधिकार का नाम है मनोज रावत जोकि राजस्थान के जयपुर के एक गांव श्यामपुरा के रहने वाले हैं।
वर्तमान में मनोज रावत आईपीएस अधिकारी के पद पर तैनात हैं। आपको बता दें कि मनोज रावत का जन्म मध्यवित्त परिवार में ही हुआ था। बचपन से ही उन्हें फिल्में देखने का बहुत शौक था उन्हें सबसे ज्यादा पुलिस अधिकारी की फिल्में अच्छी लगती थी। हालांकि पढ़ाई के बाद उन्होंने अपना और अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए कॉन्स्टेबल की भी नौकरी की थी। मात्र 19 साल की उम्र में वह राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे।
मनोज ने एक बार सनी देओल की फिल्म इंडियन देखी थी जिसमें सनी देओल एक आईपीएस ऑफिसर का किरदार निभाए थे। तब मनोज कांस्टेबल के पद पर थे लेकिन यह फिल्म देखने के बाद में उनमें आईपीएस ऑफिसर बनने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई बंद नहीं की उन्होंने पॉलिटिकल साइंस से M.A. किया था।
जैसे ही उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की वैसे ही उन्होंने पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर कोर्ट में क्लर्क की नौकरी शुरू की। इसके बाद वह सिविल सर्विस की तैयारी के लिए क्लर्क की नौकरी भी छोड़ दी । सिविल सर्विस की तैयारी करते समय मनोज को सीआईएसएफ की नौकरी भी मिली थी लेकिन उन्होंने यह नौकरी करने से भी इनकार कर दिया क्योंकि मनोज को तो आईपीएस ऑफिसर बनना
मनोज रावत अपने लक्ष्य पर डट कर खड़े रहे और पूरे आत्मविश्वास के साथ मेहनत की जिसका रिजल्ट आखिरकार यह हुआ की साल 2017 में मनोज यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया और देश भर में बिरासी 824वा रैंक किया। उन्होंने 35 मिनट लंबा इंटरव्यू देकर आईपीएस अधिकारी का पद अपने नाम कर लिया। इस से ही पता चलता है कि फिल्मों में सिर्फ बुरी आदत की सीख नहीं मिलती बल्कि कई लोग यह फिल्म देखकर अपनी जिंदगी को साकार करते हैं। मनोज रावत का भी कहना है कि उन्होंने सनी देओल की फिल्म इंडियन देखकर ही आईपीएस बनने के लिए इंस्पायरर हुए थे और उन्होंने यह ठान लिया था कि उन्हें आईपीएस अधिकारी ही बनना है।