मजेदार चुटकुले, Jokes: दिनभर इंसान बिजी रहता है! जब थोड़ा टाइम मिलता तो अपनी फॅमिली के साथ हस्ते-खेलते बिताना चाहता है! लेकिन अपने परिवार के साथ भी वो जभी खुश रह पाता है जब अंदर से खुश हो! आज हम ऐसी ही थकावट को दूर करने के लिए जबरदस्त जोक्स लेकर आये है! जिसे पढ़कर आपका तन-मन खुश हो जायेगा! तो आइये शुरू करते हसी मजाक का सिलसिला?
मजेदार चुटकुले-1, Jokes:-
एक बार पठान समंदर में सफर कर था कि समंदर में आये एक भयानक तूफ़ान के कारण उसका जहाज़ टूट गया और वो एक टापू पर पहुँच गया। टापू पर पहुँचने पर उसने देखा कि टापू पर एक भेड़ और एक कुत्ता भी थे। तीनो की आपस में गहरी दोस्ती हो गयी।
तीनो अपना ज्यादा समय इकठे ही बिताते। शाम को सूर्यास्त का नज़ारा देखते। एक दिन सूर्यास्त के समय पठान का मन कुछ करने का हो गया लेकिन उसे वहां कोई ना दिखा तो उसने भेड़ को अपनी बाहों में ले लिया। यह देख कुत्ता चौकना हो गया। उसने जल्दी से भेड़ को पठान से छुड़वाया और पठान पर भौंकने लगा। पठान समझ गया कि कुत्ता भेड़ को बचाना चाहता है। फिर उसके बाद वो रोज़ घूमने जाते पर पठान भेड़ से दूर ही रहने लगा।
अचानक एक दिन वहाँ एक और तूफ़ान आया जिसमे एक बेहद खूबसूरत लड़की उस टापू पर पहुँच गयी। जिसे देख पठान बहुत ही खुश हुआ पर तूफ़ान की वजह से लड़की की हालत बहुत खराब थी। पठान ने उसकी खूब सेवा की और उसे कुछ दिनों में ही तंदरुस्त कर दिया।
जब लड़की ठीक हुई तो वो पठान से बहुत खुश हुई और उससे बोली, “मैं तुमसे बहुत खुश हूँ, तुमने मुझे नया जीवन दिया है। तुम जो चाहो मैं तुम्हारे लिए वो कर सकती हूँ।”
पठान यह सुन बहुत खुश हुआ और लड़की को अपनी बाहों में लेकर उसके कान में फुसफुसाया, “क्या तुम इस कुत्ते को थोड़ी देर के लिए घुमाने ले जा सकती हो?”
जिसके समझ आ गया अच्छा है वरना बाकि लोग पोगो देखो bcoz its like Non veg joke…
मजेदार चुटकुले, jokes:-
संगत का असर –
एक अध्यापक अपने शिष्यों के साथ घूमने जा रहे थे। रास्ते में वे अपने शिष्यों के अच्छी संगत की महिमा समझा रहे थे। लेकिन शिष्य इसे समझ नहीं पा रहे थे। तभी अध्यापक ने फूलों से भरा एक गुलाब का पौधा देखा।
उन्होंने एक शिष्य को उस पौधे के नीचे से तत्काल एक मिट्टी का ढेला उठाकर ले आने को कहा।
जब शिष्य ढेला उठा लाया तो अध्यापक बोले – “ इसे अब सूंघो।”
शिष्य ने ढेला सूंघा और बोला – “गुरु जी इसमें से तो गुलाब की बड़ी अच्छी खुशबू आ रही है।”
तब अध्यापक बोले – “ बच्चो ! जानते हो इस मिट्टी में यह मनमोहक महक कैसे आई ? दरअसल इस मिट्टी पर गुलाब के फूल, टूट टूटकर गिरते रहते हैं, तो मिट्टी में भी गुलाब की महक आने लगी है जो की ये असर संगत का है।
और जिस प्रकार गुलाब की पंखुड़ियों की संगति के कारण इस मिट्टी में से गुलाब की महक आने लगी उसी प्रकार जो व्यक्ति जैसी संगत में रहता है उसमें वैसे ही गुणदोष आ जाते हैं।
दोस्तों यह एक सिख है कि जैसी संगंत में रहेंगे ऐसा ही प्रभाव पड़ता है!