हरियाणा और महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को एक साथ ही चुनाव हुए थे। दोनों के नतीजे भी 24 अक्टूबर को एक ही दिन आए थे। दोनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। दोनों ही राज्यों में सरकार बनाने पर पेंच फंस गया। हरियाणा में तो जजपा की मदद से बीजेपी ने सरकार बना ली लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा में पेंच फंस गया है। इसी बीच शिवसेना से पूछा कि क्या भाजपा की जगह एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना सकते हैं। शिवसेना ने हैरानी भरा जवाब दिया।
भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच पेंच 50-50 के फॉर्मूले पर फंस गया है। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी पहले नंबर पर रही है तो शिवसेना दूसरे नंबर पर है। दोनों ही मिलकर सरकार बना सकते हैं लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग कर दी है। इसके तहत ढाई साल भाजपा तो ढाई साल शिवसेना को सीएम पद मिले। इतना ही नहीं शिवसेना ने लिखित में भाजपा से इस बात की गारंटी तक मांग ली है।
महाराष्ट्र में एक और समीकरण की संभावना बन सकती है जो एनसीपी और शिवसेना के बीच का है। एनसीपी को भी इस बार पर्याप्त सीटें मिली हैं। ऐसे में शिवसेना और एनसीपी के गठजोड़ की बातें भी चल रही हैं। इस बारे में जब शिवसेना नेता संजय राउत से पूछा गया कि क्या एनसीपी के साथ शिवसेना जा सकती है तो उन्होंने हैरानी भरा जवाब दिया। उन्होंने इस सवाल से साफ इनकार करने के बजाय कहा कि राजनीति में सभी विकल्प खुले हुए हैं। हालांकि वो बोले कि हमने अभी इस पर विचार नहीं किया है, ये काफी जल्दबाजी होगी।