दिल्ली, इंडियावायरलस: इन पावन दिनों में अगर आप माता रानी के दर्शन के लिए जा रहे है तो हम आपको वह तीर्थ स्थान बताने जा रहे है! जहाँ माता रानी आपके दुखो का निवारण अवश्य करेंगी! यह तीर्थ स्थान माता शाकुम्भरी नाम से प्रचलित है! यह लोग दूर दूर नवरात्री के समय में आते है! चारो और पहाड़ो से घिरा ये इलाका मन को मोहने वाला है! तो आइये बताते है आपको यहाँ के बारे में?
माता शाकुम्भरी के यह मंदिर माताओ के मंदिरो में से एक प्राचीन मंदिर है! यहाँ आपको चारो और पहाड़ो का आनंद भी मिलता है! राश्ता ऐसा जो आपको पूरा आनंदमय कर देगा!
यह माता शाकुम्भरी रानी का मंदिर सहारनपुर से करीब 38-40 किलोमीटर दूर स्थित है! अगर आप दिल्ली से आते है तो आपको सहारनपुर होकर ही आगे जाने के लिए मिलेगा! परन्तु अगर आप करनाल, कैथल (हरियाणा) या पंजाब से आ रहे है तो आपको राश्ते में हथिनीकुंड डैम से होकर गुजरना होगा! इस डैम की सुंदरता आपका मन मोह लेगी!
कैसे होते है दर्शन
माता शाकुम्भरी के दर्शन से पहले भूरादेव के दर्शन करने जरूरी होते है! भूरादेव के दर्शन के बाद आगे आपको पैदल का सफर तय करना होता है! आगे करीब एक से दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है! पैदल का राश्ता बड़ा पथरीला है, छोटे बड़े पथ्तरों पर चलकर आप भवन तक पहुंच जाते है! कभी कभी आपको थोड़ी सी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है! क्योकि यह द्वार चारो ओर से पहाड़ो से घिरा हुआ है! तो कभी कभी पहाड़ो का पानी नीचे आ जाता है तो पानी के अंदर से आपको द्वार तक पहुंचना पड़ सकता है!
माता शाकुम्भरी देवी की यही लीला है वह हमेसा अपने भक्तो की परीक्षा लेती रहती है! अगर आप घूमने के शौकीन है तो आप ऊपर पहाड़ो पर घूम कर आ सकते है लेकिन हम आपको वहां जाने के लिए नहीं कहेंगे! क्योकि ऊपर पहाड़ो पर कोई भी जंगली जानवर मिल सकता है! लंगूर और बंदर तो आपको भवन के आस पास ही देखने को मिल जायेगे!