यह तो आपको मालूम ही होगा कि हर चमकती हुई चीज सोना नहीं होती, उस चीज को परखने के बाद ही जांचने के बाद ही उसका पता चलता है कि वह कितना खरा सोना है या नहीं! यह हम क्यों कह रहे हैं क्योंकि अभी हाल ही में अभिनेता सोनू सूद ऑफिस सुर्खियों में रहे हैं वह भी अपनी मदद को ले ऐसे में हर कोई उनको बड़ा सराहनीय लग गया! लेकिन अब ऐसा लगता है कि सोनू सूद के चमकते हुए व्यक्तित्व का आवरण जल्द ही उतरने वाला है! मालूम तो ऐसा होता है कि बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए दान करने का ढोंग रच रहे थे क्योंकि आयकर विभाग का मामला एकमात्र मामला नहीं है!
अभिनेता के आय के स्रोतों को लेकर आयकर विभाग ने सोनू सूद से संबंधित कंपनियों की 6 लोकेशन का हाल ही में सर्वे किया यदि सोनू सूद की इनकम से संबंधित जानकारी में वित्तीय अनियमितताएं सिद्ध हो जाती है तो आगे चलकर आईटी विभाग कारवाही करने में भी पीछे नहीं हटेगा! सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की टीम ने अभिनेता के मुंबई स्थित है और मुंबई और लखनऊ शहरों की 6 प्रॉपर्टी पर सर्वे किया!
रिपोर्ट के अनुसार इनकम टैक्स ने सोनू सूद की संपत्ति का इसलिए सर्वे किया है क्योंकि कथित तौर पर उनमें से संबंधित अकाउंट के साथ छेड़छाड़ की गई थी लेकिन ऐसा नहीं है कि उन पर यह पहला मामला है इससे पहले भी सोनू सूद कई बार कानूनी एजेंसियों के शिकंजे में आते रह गए हैं! पिछले कुछ महीनों से सोनू सूद बीएमसी से भी अनेक मामलों के पीछे अदालत के चक्कर काट रहे हैं इनमें से एक मामला यह भी है कि उन्होंने कथित तौर पर एक 6 मंजिला बिल्डिंग को एक होटल में परिवर्तित करवा दिया था जब इस मुकदमे को रद्द करने की याचिका को लेकर सोनू सूद मुंबई हाईकोर्ट पहुंचे तो बीएमसी ने उल्टे उनकी ही पोल पट्टी खोलने का दावा करते हुए कह दिया कि सोनू सूद का यह पहला मामला नहीं है और इसके लिए वह काफी बद नाम रहे हैं!
वैसे तो बीएनसी भी कोई दूध की धुली नहीं लेकिन उन्होंने सोनू सूद का एकदम सटीक विश्लेषण कर दिया क्योंकि और कुछ हो ना हो वह कम से कम क्रेडिट चोरी में तो दो षी पाए गए हैं अपने दान का कदम के कारण प्रसिद्ध हुए सोनू सूद मुंबई से ही लोगों को सुविधा प्रदान करने का दावा कर रहे थे हालांकि उनकी चोरी एक जगह पकड़ी गई थी! ओडिशा राज्य के गंजम शहर में एक मरीज को कथित तौर पर बिस्तर की आवश्यकता थी और सोनू सूद ने उसे तुरंत बिस्तर दिलवाने का दावा करते हुए इसका श्रेय लूटने का प्रयास किया था हालांकि उसके बारे में जानकारी शेयर करते हुए डीएम ने बताया था कि वह तो वह था और उसे बिस्तर की कोई भी आवश्यकता नहीं थी!
ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या सोनू सूद कानूनी कारवाही से बचने के लिए दान करते थे ऐसा हो सकता है क्योंकि उनके अधिकतर दान जिन भी लोगों के होते थे वह या तो फर्जी लोग होते थे या फिर वह कई लोगों तक पहुंचते ही नहीं थे शायद अपने काले धन को सफेद करने के लिए उन्होंने प्रमाण को अपनी ढाल बना लिया और किंतु अपने काले करतूत छुपाना भूल गए!