स्टालिन ने कहा हिंदी से देश की एकता भंग होगी तो ममता भी उतर आई मैदान में

दिल्ली, इंडियावायरलस: राजनीति में तर्क वितर्क तो होते ही रहते है! सत्ताधारी पार्टी पर हमेशा तर्क करना विपक्ष का काम है! क्योकि विपक्ष होता ही इसलिए है कि वह सत्ताधारी पार्टी से सवाल जवाब कर सके! हाल ही देश में हिंदी दिवस मनाया गया! लेकिन विपक्ष ने तो इस पर भी राजनीति करने में कोई कमी नहीं छोड़ी! हिंदी दिवस पर डीएमके के प्रमुख स्टालिन ने टिप्पणी की! आइये बताते है क्या कहा स्टालिन ने?

दरअसल हिंदी दिवस पर देश के प्रधानमंत्री ने करोड़ो देशवाशियो को बधाई दी! आपको बता दे हिंदी भारत के उत्तर में सबसे ज्यादा बोले जानी वाली भाषा है! जिसको लेकर ही पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस पर बयान दिया था!

पीएम मोदी ने कहा था कि हिंदी भाषा देश की एकता को एक डोर में बांधने का काम करती है! और इसके साथ साथ सभी देशवाशियों को सुभकामनाये भी दी! वही गृह मंत्री अमित शाह ने भी पीएम मोदी की बात को दोहराया! उन्होंने कहा सबसे ज्यादा बोले जाने वाली हिंदी भाषा देश की एकता को एक डोर में बांधने का काम करती है!

जैसे ही पीएम मोदी और अमित शाह के दुवारा यह बयान दिया गया वैसे ही राजनीति ने इस पर भी अपना कदम रख दिया! देश के दो बड़े दिग्गज नेताओ ने इस पर अपनी टिप्पणी जारी कर दी! सबसे पहले तो डीएमके के प्रमुख स्टालिन मैदान में उतर आये! उन्होंने कहा कि हिंदी से देश की एकता भंग होगी! आगे कहा कि गृह मंत्री क अपना बयान वापस लेना चाहिए!

इन्ही के साथ साथ पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी भी मैदान में आ गयी! पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि लोगो को सभी भाषाओ और संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए! परन्तु अपनी मार्तभाषा की कीमत पर नहीं!

About dp

Check Also

3GB प्रतिदिन डाटा के साथ यह रिलायंस जिओ के कुछ सस्ते प्लान, पढ़ें पूरी खबर

नए साल के अवसर पर सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने अपने ग्राहकों को लुभाने की कोशिश …