Kashmiri Pandits demand: कश्मीर को आजाद हुए 15 दिन हो गए है! अभी तक बड़े बड़े नेता इसका समर्थन भी कर चुके है और कई बड़े बड़े नेता विरोध भी! ऐसे में पाकिस्तान के भी मिर्ची लगी हुई है! लेकिन अभी तक कोई देश से मांग नहीं उठी थी! आज हम आपको कश्मीरी पंडितों के बारे में बताएंगे कि कैसे उन्होंने हुंकार भरी है। तो आइए बताते हैं आपको –
कश्मीरी पंडितो की उठी आवाज
कश्मीर पंडितों ने अब कश्मीर में बसने के लिए अपनी आवाज उठाना तेज कर दी है और भारत सरकार से अब हर पल यही मांग कर रहे हैं उन्हें जल्द से जल्द कश्मीर में बसाया जाए ताकि उनका उजड़ा हुआ घर और उनकी उजड़ी हुई कॉलोनी वापस बस सके ।
बता दे आपको कि कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर घाटी में अपने लिए ही एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग उठाई है । कश्मीर पंडितों के पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रही संस्था पनुन कश्मीर में झेलम नदी के उत्तर पूर्व क्षेत्र को घाटी से विभाजित कर अलग प्रदेश बनाने की वकालत की।
1990 का है मामला
बता दे आपको कि वर्ष 1990 में आतंकवाद के कारण घाटी से बेघर हुए कश्मीरी पंडित आज भी जम्मू व देश के अन्य हिस्सों में शरणार्थी बनकर रह रहे हैं ।
कश्मीर में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा रहती है और कुछ कट्टरपंथी लोग वहां हिंदू पंडितों को बसने नहीं देते और ना ही वह दूसरी कौम के लोगों को वहां बसने देते है, इसी कारणवंश कश्मीरी पंडित अपने ही घर से बेघर हो चुके हैं और वह अपना घर छोड़ कर देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे हैं