Motivational Story In Hindi: कभी हमारे बुजुर्ग कहा करते थे आदमी को चादर का साइज देखकर अपने पैर पसारने चाहिए! लेकिन शहर अब यह कहावत बदल चुकी है आज की जनरेशन का मानना है आप पहले अपने पैर पसारय फिर उसकी साइज की चादर ढूंढिए! कहने का तात्पर्य है कि अपने सपनों को इतना बुलंद कीजिए ताकि कामयाबी आपके कदमों में हो! सपने हर कोई देखता है लेकिन कुछ ही लोग उन सपनों को पूरा करने के लिए उन सपनों पर काम करते है! क्योंकि जो लोग उन सपनों के ऊपर अपना फोकस रखते हैं उनके सपने जरूर पूरे होते हैं!
संदीप माहेश्वरी की एक लाइन है खड़े हो और चलो! मतलब जब तक आप किसी चीज के लिए अपने अंदर जज्बा नहीं लेकर आओगे वह चीज आपको जब तक कभी हासिल नहीं हो पाए! पहले खड़े तो हो उस चीज के लिए अपने अंदर जज्बा जगाओ वह चीज आपके कदमों में खुद आ जाएगी!
ऐसा ही एक बिहार का लड़का जिसने मोटिवेशंस की एक नई मिसाल पेश की है! उसके काम करने से लगता है कि हां सब कुछ पॉसिबल है! तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
Motivational Story In Hindi –
बिहार के छपरा में रहने वाला मिथिलेश कुमार, जिसका सपना बचपन से पायलट बनने का था! लेकिन कुछ समस्याओं के कारण मिथिलेश कुमार 12वीं तक ही पढ़ पाए! उन्होंने अपने सपने को पूरा करने की तमाम कोशिशें की लेकिन हालात इंसान को कहीं भी ले जाते हैं!
मिथिलेश कुमार आगे चलकर पाइप फिटिंग करने का काम करने लगे परंतु उनके दिमाग से उनका सपना नहीं गायब हुआ! अभी भी उनके दिमाग में पायलट बनने का सपना मौजूद था!
अपने सपने के साथ जी रहे मिथिलेश कुमार ने टाटा नैनो कार खरीदने का प्लान बनाया! जिसके बाद से मिथिलेश कुमार का सपनों की उड़ान भरना शुरू हुआ!
क्योंकि बचपन से उनका सपना था पायलट बनने का उसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने टाटा नैनो में रोटर ब्लेड, टेल, टेल बूम और रोटर मास्ट लगाकर, उसे हेलीकॉप्टर का रूप दे दिया! मिथिलेश कुमार ने कार के फ्रंट पर एक चोंच जैसा आकार दिया! साथ में कार की बॉडी के नीचे और साइड के पैनल पर एलईडी स्ट्रिप्स का प्रयोग किया! साथ ही रोटर ब्लेड को एलईडी स्ट्रिप्स में डेक किया गया है!
Motivational Story In Hindi –
इस प्रोजेक्ट में खास बात यह है की मिथिलेश कुमार ने कार के इंटीरियर पर भी काफी ध्यान दिया है! उस कार को हेलीकॉप्टर बनाने की पूरी कोशिश की गई है! बता देगी कार उड़ नहीं सकती लेकिन बिल्कुल हेलीकॉप्टर की तरह दिखती है!
बता दे मिली जानकारी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के अंदर सात लाख का खर्च आया है! जिसके अंदर पुरानी कार को मॉडिफाई करना, मैट्रियल और फिटिंग सब को मिलाकर कितना खर्च हुआ है!
बिहार के मिथिलेश कुमार का कहना है वह अमीर फैमिली से नहीं आते हैं! अगर उनके पास पैसे होते तो मैं इस कार को उड़ान देने में भी पूरी कोशिश कर देते!
मिथिलेश कुमार का पायलट बनने का सपना तो पूरा नहीं हुआ लेकिन प्लेन की तरह अपनी कार में ही ड्राइविंग करने का सपना जरूर पूरा कर लिया!