आपको बता दिया जाए कि शास्त्रों के मुताबिक दान का खास बताया जाता हैं। जानकारी दे दिया जाए कि जरुरतमंदों को भोजन कराने से पुण्यफल की प्राप्ति होती हैं। ऐसे में अपनी क्षमता के मुताबिक हमेशा हमें जरुरतमंदों को हमेशा दान करते रहना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए।
रोजाना भगवान को भोग लगाएं
गरुड़ पुराण के मुताबिक यह बताया जाता है कि जिस घर में भोजन से पहले भगवान को भोग लगाने का नियम हो। वहां अन्न और धन की हमेशा वृद्धि होते नज़र आती हैं। इसके मुताबिक मां अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्त करने के लिए रोजाना भोग लगाना चाहिए।
ग्रंथों का पाठ
आपको बता दिया जाए कि गरुड़ पुराण के अनुसार हर इंसान को अपने धर्मग्रंथ में छिपे हुए ज्ञान और विद्या के बारे में जानकारी होनी चाहिए। ऐसे में धार्मिक ग्रंथों का पाठ हमें ज़रूर पढ़ना चाहिए।
चिंतन
जैसा की हम सभी जानते है गरुड़ पुराण के मुताबिक यह बताया जाता है कि तप, ध्यान, चिंतन आदि करने से मनहमेशा शांत रहता है और घर में खुशियाँ आती हैं। जिससे लोगो को कम गुस्सा आए। इसलिए इंसान को चिंतन-मनन हमेशा करते रहना चाहिए।
कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा
गरुड़ पुराण के अनुसार यह जानकारी सामने निकलकर आती हैं कि कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा हमेशा करते रहना चाहिए। इनकी पूजा करने से सात पीढ़ियों तक खुशहाली फ़ैली रहती हैं। इसलिए इनकी पूजा जरूर हमें करनी चाहिए।
गरुड़ पुराण विष्णु पुराणों में से एक है। गरुड़ पुराण के इस संक्षिप्त संस्करण में विष्णु और उनके वाहन, गरुड़ के बीच मृत्यु, मृत्यु के बाद, पाप, नरक में जीवन, नरक का स्थान, यम, भगवान, उनके सहायक चित्रगुप्त, यम के शहर का विवरण शामिल है। पापियों को विभिन्न प्रकार के दंड दिए गए, पृथ्वी पर पाप से कैसे बचा जाए, पाप का प्रायश्चित किया जाए, दिवंगत के लिए किस प्रकार के अंतिम संस्कार किए जाने चाहिए और जब वे नहीं किए जाते हैं तो क्या होता है आदि।
इस शास्त्र में वर्णित स्वर्ग और नरक की हिंदू अवधारणा में ईसाई धर्म, इस्लाम और पारसी धर्म जैसे अन्य धर्मों में स्वर्ग और नरक के वर्णन के साथ कुछ समानताएं हैं। हालांकि इन धर्मों के विपरीत, इन लोकों में जाने वाली आत्माएँ वहाँ सदा नहीं रहतीं। एक बार सजा खत्म हो जाने के बाद, वे पृथ्वी पर लौट आते हैं और फिर से जन्म लेते हैं। यह पुराण मुक्ति के विषय और योग और भक्ति के अभ्यास के माध्यम से इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है, इसके बारे में भी बताता है।