इस महिला ने दिया समाज को नया संदेश, बेटी के जन्म होने पर नहीं लेती फीस और ना ही कोई बेड चार्ज, बटवाती है मिठाइयां

Dr Shipra Story: हमारे समाज में बेटी और बेटियों में काफी फर्क समझा जाता है! आपने अक्सर सुना ही होगा कि फलाना के घर बेटी पैदा हुई है उसके बाद एक और बेटी पैदा हुई है! बेटियों के पैदा होने के बाद हमारे समाज में इतनी खुशियां नहीं मनाई जाती जितना कि बेटे के पैदा होने के बाद मनाई जाती है! इतना ही नहीं बल्कि हमारे समाज में जब लड़की पैदा होती है तो कहा जाता है इसे तो घर संभालना है चूल्हा चौका करना है! उनकी सोच यही तक सीमित रहे जाती है! देखा जाए तो हमारे देश में लिंग अनुपात में भी लड़के और लड़कियों में काफी अंतर है! उदाहरण के तौर पर आप हरियाणा और राजस्थान को ही देख लीजिए जहां पर लिंग अनुपात में काफी अंतर आपको दिखाई देगा! लोग चाहे कितना भी कहने की बेटी बेटी में कोई फर्क नहीं होता! बेटी क्या किसी बेटे से कम है! यह कहने में बड़ा अच्छा लगता है लेकिन क्या हमारे समाज में यह चीज अपनाई जाती है! अक्सर देखा जाता है बेटी से ज्यादा बेटे को तवज्जो दी जाती है! यह हमारी समाज की गलत सोच है जिसको बदलना बहुत ज्यादा जरूरी है! लेकिन इसी समाज में एक ऐसी महिला डॉक्टर भी है जिन्होंने ऐसी सोच वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया है! आपको बता दें यह महिला डॉक्टर जब किसी को लड़की पैदा होती है तो उसे ठीक नहीं लेती और साथ ही अपने हॉस्पिटल में मिठाई तक बंटवाती है! की बधाई हो बेटी पैदा हुई है! आपके घर में साक्षात लक्ष्मी ने जन्म दिया है!

Dr Shipra Story – वाराणसी में है नर्सिंग होम

हम जिस महिला डॉक्टर की बात कर रहे हैं उनका नाम है डॉक्टर शिप्रा धर! यह महिला डॉक्टर लड़की की जन्म होने पर उनसे फीस नहीं लेती है और साथ ही अपने नर्सिंग में मिठाइयां तक बंटवाती है! आपकी जानकारी के लिए बता दें महिला ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से MBBS, MD की पढ़ाई की है! जिसके बाद नर्सिंग होम खोला जो कि वाराणसी में है! आपको बता दें डॉक्टर शिप्रा ने 2001 में अपनी एमबी की पढ़ाई पूरी की थी! उसके बाद उन्होंने शादी की और शादी के बाद अपना नर्सिंग होम चलाने लगी! उनकी पत्नी भी डॉक्टर है जो कि उनका पूरा सहयोग करते हैं! शिप्रा के पति काDr Shipra Story नाम डॉ एमके श्रीवास्तव है! आपको बता दें हमारे समाज में फैली हुई बुराइयों को दूर करने के लिए यह दोनों डॉक्टर दिल जोड़ मेहनत कर रहे हैं! जैसे कि भ्रूण हत्या को रोकने और लड़कियों के जन्म को बढ़ावा देने इन कामों में अपना बढ़-चढ़कर योगदान दे रहे हैं! जैसा कि होता है लड़की के जन्म होने पर फैमिली के अंदर मायूसी फैल जाती है उसको दूर करने के लिए यह लोग दिन रात मेहनत कर रहे हैं! इसलिए लड़की के जन्म होने के बाद भी यह लोग उसे फीस नहीं लेते हैं!

Dr Shipra Story – अब तक 100 बच्चियों का जन्म इस अस्पताल में

आपने देखा ही होगा जब कोई लड़की का जन्म होता है तो फैमिली के अंदर मायूसी फैल जाती है! और अगर कोई गरीब परिवार हो तो लड़की के पैदा होने पर रोने लगता है! डॉक्टर शिप्रा यही सोच बदलने की कोशिश कर रही है! ताकि लड़की के पैदा होने के बाद भी लोग खुशी बना सके! और इसलिए फैमिली से फीस नहीं लेती बेड का चार्ज नहीं देती या जो भीDr Shipra Story चीज लगती है उसका कोई पैसा नहीं लेती है! यहां तक कि अगर नॉर्मल डिलीवरी ना हो और ऑपरेशन करना पड़े तो उसका भी कोई चार्ज नहीं लेती है! अब तक 100 बच्चियों का जन्म इस अस्पताल में हो चुका है जिसका कोई फीस नहीं ली है!

Dr Shipra Story – नरेंद्र मोदी हुए प्रभावित

आपकी जानकारी के लिए बता दे जब नरेंद्र मोदी जी वाराणसी में अपनी रैली कर रहे थे! तो जब उन्हें पता चला कि डॉक्टर शिप्रा धर बच्चे के जन्म के बाद ठीक नहीं लेती है तो वह उससे काफी प्रभावित हुए! उन्होंने अपने मंच से सभी डॉक्टरों को कहा की हर महीने की 9 तारीख को आप के अस्पताल में भी बच्चियों के जन्म के लिए कोई फीस न ली जाए! ऐसा करने से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम को बल मिलेगा! डॉक्टर का कहना है कि लड़कियां तो लक्ष्मी काDr Shipra Story रूप होती है! जहां आज देश विज्ञान में कितनी तरक्की कर रहा है उसके बावजूद रूम हत्या जैसे अपराध किए जा रहे हैं! उन्होंने कहा जहां लोग लड़की के पैदा होने पर खुशी नहीं बनाते तो पैसा किस काम का! डॉक्टर का कहना है कि अगर हमारा यह काम लोगों की सोच बदल सके तो सही में मैं समझूंगी कि मैं सफल हो गई!

Dr Shipra Story – गरीबों के लिए संचालित किया अनाज बैंक

आपकी जानकारी के लिए बता दें बच्चों और परिवार को कुपोषण से बचाने के लिए भी अनाज बैंक संचालित करती है! जो लोग असहाय हैं निर्जन है उन लोगों को अनाज मुहैया कराती है! हर महीने की 1 तारीख को लगभग 38 परिवारों को अनाज दिया जाता है जिसके अंदर 10 किलो गेहूं और 5 किलो चावल दिए जाते हैं! और अगर कोई त्यौहार आता है तोDr Shipra Story उन परिवारों को कपड़े मिठाइयां आदि दी जाती है! उनकी इस मुहिम को देखते हुए आसपास के कुछ मेडिकल भी उन से जुड़ना शुरू कर दिए हैं!

निष्कर्ष

वाक्य में दोस्तों यह समाज के लिए एक मिसाल है! उन लोगों के लिए जो लोग बेटे और बेटी में अंतर देखते हैं! ऐसे लोगों को तहे दिल से धन्यवाद! अगर डॉक्टर जैसे चंद लोग भी देश की सेवा में जुट जाएं तो यकीन मानिए बहुत जल्द देश से बुराइयां खत्म हो जाएगी! और आपको बता दें किसी की मदद करने के लिए जरूरी नहीं है कि आप कोई और पति हो! बस दिल साफ होना चाहिए साफ होनी चाहिए और आप किसी की भी मदद कर सकते हैं!

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