हम सभी जानते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहां पर तमाम तरह के रीति रिवाज, पूजा-पाठ और कर्मकांड को माना जाता है. इस देश की लगभग अधिकतर जनसंख्या कोई भी कार्य करने से पहले पंडित जी से सलाह लेना और अपना लाभ हानि जरूर देखती है.
हम आपको बता दें कि इसी कड़ी में भारत में वास्तु शास्त्र की अधिक महत्व है. कोई भी व्यक्ति अपने घर बनवाने से पहले उसके नक्शे को वास्तु शास्त्र के अनुसार ही तैयार करवाता है, जिससे उसे आगे जीवन में अपने घर की वजह से किसी हानि या संकट का सामना ना करना पड़े.
आपको आप बता दें कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पूजा का स्थल हमेशा ईशान कोण की तरफ ही बना होना चाहिए. हम आपको बता दें कि ईशान कोण का अर्थ होता है उत्तर पूर्व की दिशा. ऐसी मान्यता है कि इस दिशा में पूजा स्थल होने से घर के मालिक को हमेशा सुख, शांति, संपन्नता और समृद्धि रहती है. हम आपको बता दें कि कभी भी अपने घर में पूजा स्थल दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए इससे धन की हानि और मानसिक तनाव पैदा होता है.
आपको बता दें कि वास्तु शास्त्र के अनुसार एक व्यक्ति को अपने घर के मंदिर में पूजा करनी चाहिए और ध्यान लगाते रहना चाहिए इससे उसे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है.
हम आपको बता दें कि वास्तु शास्त्र के अनुसार मोर पंख को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का घर से खात्मा हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि जिस घर में मोर पंख पाया जाता है वहां पर नकारात्मक ऊर्जा का आस्था खत्म हो जाता है.
गौरतलब है कि भारतीय वेद शास्त्र और वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को शंख बहुत ही प्रिय होता है. ऐसे में हर व्यक्ति को अपने घर के मंदिर में शंख अवश्य रखना चाहिए. हम आपको बता दें कि शंख बजाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है.
गंगाजल की मान्यता भारती पुराणों में अलौकिक है. ऐसा कहा जाता है कि गंगाजल कभी खराब नहीं होता है और जीवन के हर एक संस्कार में इसका प्रयोग किया जाता है. बता दें कि यह भी बताया जाता है कि घर में गंगाजल होने से मां लक्ष्मी बेहद खुश होती हैं.
हम आपको बता दें कि अगर आप अपने घर में मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो शालिग्राम अपने घर में अवश्य रखें. हम आपको बता दें कि शालिग्राम भगवान विष्णु के ही एक रूप है और इनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं.