आज जमाना बदल चुका है। पहले के जमाने में जहां लड़कियां सिर्फ साड़ी ही पहनती थी और हर वक्त घुंघट में अपना सर ढक कर रखती थी , वह जमाना कब का बीत चुका है। और लड़के जहां पहले धोती पहना करते थे वहीं वे अब जींस पहनते हैं। पुरुष बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई आज जींस में नजर आते हैं और लड़कियां भी लड़कों के तरह ही आज जींस और टीशर्ट पहनती है।
लेकिन अगर देखा जाए तो आज भी लड़कों और लड़कियों की कपड़ों में एक बहुत बारीक सा फर्क होता है। एक बात अगर आपने गौर किया होगा तो आपको मालूम होगा कि जहां लड़कों के शर्ट में पॉकेट होती है वहीं लड़कियों के शर्ट में पॉकेट नहीं होती।
वैसे लड़कियों की शर्ट में पॉकेट के ना होने के पीछे कोई विज्ञान का बड़ा कारण तो नहीं है ,लेकिन इसके पीछे अनुमान लगाया जाता है कि यह बीते समय में पुरुष प्रधान समाज की दकियानूसी सोच का नतीजा है । यह कथित तौर पर हमारी परंपरा और मानसिकता से जुड़ा हुआ मसला है।
आपने यह भी गौर किया होगा कि पुराने जमाने में महिलाओं के कपड़ों में जेब नहीं बनाई जाती थी इसके पीछे मानसिकता यही थी कि अगर महिलाओं के कपड़ों में जब होगी तो वे अपने जेब में कुछ ना कुछ तो जरूर रखी थी जिसके कारण उनके शरीर की बनावट बिगड़ जाएगी और सुंदरता कम नजर आएगी।
और अगर देखा जाए तो सबसे हैरानी की बात तो यह है कि पुराने जमाने की तरह आज भी महिलाओं को सिर्फ सुंदर दिखने की वस्तु ही माना जाता है। जहां तक पहनावे की बात है तो अब बदलाव आया है पुराने जमाने में जब महिलाओं ने जब रखने की बात की थी तब उनका विरोध हुआ था यह बात और है कि आज के समय में लड़कियों को भी पूरी आजादी है उनका हक है कि वह अपने पसंद के कपड़े पहने और शर्ट में प्रकट रखना या ना रखना भी उनकी पसंद या नापसंद में पड़ता है।