Rajyavardhan Singh Rathore Biography: दोस्तों स्वागत है आपका हमारे चैनल इंडिया वायरस उस सीमा! आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स के बारे में जिसकी प्रतिभाशाली की कोई सीमा नहीं है! जिनके बारे में आज हम बात कर रहे हैं उनका नाम है राज्यवर्धन सिंह राठौर! जो एक निशानेबाज है! आपको बता दें राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2004 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए आयोजित “एथेंस ओलंपिक” में पुरुषों की डबल ट्रैप में पहला रजत पदक जीता! इसके बाद राजवर्धन सिंह राठौर को पूरी दुनिया ने सहारा! राज्यवर्धन, नॉर्मन प्राइसहार्ड, जिन्होंने 1900 “पेरिस ओलंपिक” में 2 रजत पदक जीते, भारत के लिए एकल प्रतिद्वंद्वी पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने! आज इनकी प्रतिभाशाली को देखते हुए राजवर्धन सिंह राठौर भाजपा की पार्टी के बड़े नेता माने जाते हैं! भाजपा ने सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया हुआ है!
Rajyavardhan Singh Rathore Biography –
आपको बता दें विश्व में प्रसिद्ध निशानेबाज भारतीय सेना के पूर्व जवान राजवर्धन सिंह राठौर जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से पार्लियामेंट के सदस्य है! आपको बता दें कि राजवर्धन सिंह राठौर भारतीय जनता पार्टी के भी सदस्य है! उन्होंने 2014 में लोकसभा का चुनाव भी जीता था! उन्हें सरकार में तब शामिल किया गया था जब प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था!
आइए जानते हैं राजवर्धन सिंह राठौर जी के बारे में
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (जन्म 29 जनवरी 1970, जैसलमेर, राजस्थान) एक भारतीय निशानेबाज हैं जिन्होंने 2004 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, एथेंस में डबल ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक विजेता हैं! वो प्रथम भारतीय (स्वतंत्रता के बाद) हैं जिन्होंने व्यक्तिगत रजत पदक जीता! उनसे पहले ब्रितानी मूल के भारत में जन्मे नॉर्मन प्रिचर्ड ने 1900 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में दो रजत पदक जीते! वो 16वीं लोकसभा में जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्रसे भाजपा के सांसद चुने गये!
राठौड़ का जन्म राजस्थान के जैसलमेर में कर्नल (सेवानिवृत्त) लक्ष्मण सिंह राठौड़ में हुआ था! वह बीकानेर में स्थित बीकानेर राव बिकिजी के परिवार के पहले राजा के राजपूत वंश के हैं! राज्यवर्धन सिंह, बीकानेर में रहने वाले तीन चाचा, बड़े काका रिट ब्रिगेडियर जगमल सिंह राठौड़ में वीर चक्र और वीएसएम के साथ भारतीय सेना द्वारा सजाए गए और घर में रहने (श्री राम विरासत) के साथ-साथ राव बीकाजी ऊंट सफारी के नाम पर रिसॉर्ट भी शामिल हैं!
राठौर प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 77 वें पाठ्यक्रम के स्नातक हैं! एनडीए से स्नातक होने के बाद, राठौर ने भारतीय सैन्य अकादमी में भाग लिया जहां उन्हें सर्वश्रेष्ठ ऑल-फेन्ड जेन्टलमेन कैडेट के लिए तलवार के सम्मान से सम्मानित किया गया! वह सिख रेजिमेंट स्वर्ण पदक के प्राप्तकर्ता भी थे, जिन्हें पाठ्यक्रम के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को सम्मानित किया गया था!
भारतीय सेना में करियर
बाद में उन्हें 9 वीं ग्रेनेडीयर्स (मेवाड़) रेजिमेंट में नियुक्त किया गया! भारतीय सेना में अपने करियर के भाग के रूप में, उन्होंने जम्मू और कश्मीर में कार्य किया, जहां उन्होंने आतंकवाद विरोधी आपरेशनों में भाग लिया! उनकी रेजिमेंट को सेना प्रमुख के प्रशस्ति पत्र और जम्मू एवं कश्मीर के प्रशस्ति पत्र के साथ अनुकरणीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया!
राज्यवर्धन सिंह का घर का नाम ‘चिली’ है ! उसकी पत्नी का नाम डा. गायत्री है ! उनका 5 वर्षीय बेटा है-मानव आदित्य और बेटी है-भाग्यश्री ! उनकी माँ का नाम मंजू तथा पिता कर्नल लक्ष्मण सिंह हैं ! वह दिल्ली में रहते हैं ! पदक जीतने पर राठौड़ की पत्नी ने कहा-‘यह रजत पदक केवल चिली और उसके परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का है ! इसलिए इस सफलता की ज्यादा खुशी है क्योंकि इस खुशी में पूरा देश शामिल है !’
सेना छोड़कर खेल के मैदान में राज्यवर्धन
1998 में उन्होंने शुटिंग की शुरुआत की थी ! जल्दी वह दुनिया के बेहतरीन ट्रैप शूटरों में गिने जाने लगे ! पिछले साल 2003 में साइप्रस के शहर निकोसिया में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप का कांस्य जीता था ! स्पर्धा के पूर्व राठौड़ ने कहा था-‘मैदाने जंग में शूटिंग ओलंपिक पदक जीतने से ज्यादा आसान है ! स्पर्धा के माहौल में आपके अंदर का डर बाहर निकलकर आता है !’ उन्होंने सेना छोड़कर खेल के मैदान में बाजी मारी ! उन्होंने अपनी उपलब्धि के बारे में कहा-”हमारे देश में क्रिकेट बहुत महत्त्वपूर्ण है ! मुझे भी यह पसन्द है ! लेकिन मेरी उपलब्धि से लोग शूटिंग जैसे खेलों में भी आएंगे!
महज छह वर्ष पूर्व निशानेबाजी में शामिल होकर कड़ी मेहनत से इतनी बड़ी उपलब्धि पाने वाले राज्यवर्धन स्कूली शिक्षा के जमाने से ही बास्केटबॉल, वालीबॉल, क्रिकेट, फुटबाल, कबड्डी और एथलेटिक्स के बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं ! उन्होंने स्कूल गेम्स फैडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और चक्का फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था !
बेहतरीन खिलाड़ी
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ स्कूली शिक्षा के जमाने से ही बास्केटबॉल, वालीबॉल, क्रिकेट, फ़ुटबॉल, कबड्डी और एथलेटिक्स के बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं! उन्होंने स्कूल गेम्स फैडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीयक्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और चक्का फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था! जब राज्यवर्धन कक्षा 10 के छात्र थे तो स्कूल गेम्स फेडरेशन की ओर से उन्हें स्कालरशिप दी गई थी! इसके बाद NDA राष्ट्रीय रक्षाअकादमी (एन.डी.ए.) में भी बास्केटबॉल टीम में शानदार प्रदर्शन किया और अनेक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीते, जिससे उन्हें एन.डी.ए. के सर्वश्रेष्ठ खेल अवार्ड ‘एन.डी.ए. ब्लेजर’ से सम्मानित किया गया! इसके बाद ‘इंडियनमिलिट्री एकेडेमी’ (आइ.एम.ए.) में पहुंचने पर राज्यवर्धन ने वालीबॉल, फ़ुटबॉल, क्रिकेट, मुक्केबाज़ी और वाटरपोलो में स्वर्ण जीते! तब वह वालीबॉल टीम के कप्तान रहे! उन्हें ‘आइ.एम.ए. का ब्लेजर’ पुरस्कार भी दिया गया!
इस कोर्स का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी होने के कारण उन्हें सिख रेजीमेंट का स्वर्ण पदक भी दिया गया! इसी कोर्स के दौरान उन्हें सर्वश्रेष्ठ कैडेट घोषित किया गया और ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ प्रदान किया गया! 1996 में राज्यवर्धन की शूटिंग की ट्रेनिंग आर्मी मार्क्समैन इन्फैंटरी स्कूल में हुई! फिर उसके बाद दिल्ली के डा. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, तुग़लक़ाबाद में उन्होंने शूटिंग का निरंतर अभ्यास किया! राष्ट्रीय चैंपियन मुरादअली खान, जो राज्यवर्धन के साथ खेल में पार्टनर भी थे, ने राज्यवर्धन के बारे में कहा- “उसका अनुशासन, मेहनत, लगन, आत्मविश्वास और आर्थिक सहायता ही उसे मेडल दिलाने में सफल हुए! राठौड़ ने अपने चयन के बादबड़े ही वैज्ञानिक तरीके से अभ्यास का कार्यक्रम बनाया था! उसकी सबसे बड़ी खूबी यह भी है कि यह मेहनती शूटर समय बर्बाद किए बिना तुरन्त एक्शन में आ जाता है!” उनकी रुचियों में संगीत सुनना, शिकार करना, बाक्सिंगतथा गोल्फ खेलना है! उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा है 191/200! वह अपनी माँ तथा पिता से बेहद प्रभावित हैं!
शूटिंग के साथ साथ क्रिकेट भी है पसंद
राज्यवर्द्धन को शूटिंग के अलावा क्रिकेट देखना और खेलना पसंद हैं! वह कहते हैं कि एनडीए के दौरान उन्होंने शूटिंग को अपना पसंदीदा खेल चुना था और इसलिए वह इसी में आगे बढ़ते गए! सिर्फ इतना हीराज्यवर्द्धन चाहते हैं कि दूसरे खेलों को आगे बढ़ाने के लिए उनसे जो कुछ भी हो सके वह करते रहें!
राजनीतिक जीवन
10 सितंबर 2013 को राठौर बीजेपी में शामिल हुए और इसके पहले वह रेवाड़ी में नरेंद्र मोदी की एक रैली का हिस्सा बने थे! राठौर ने राजनीति में आने के लिए सितंबर 2013 में ही सेना से वॉलेंटरी रिटायरमेंट ले लियाऔर बतौर कर्नल वह अपने पद से रिटायर हुए! आज राठौर जयपुर ग्रामीण संसदीय सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं! राठौर के मुताबिक उनकी स्थिति राजनीति में सेना के सेकेंड लेफ्टिनेंट जैसी ही है! वह कहते हैं कि वह बिना लाइफ जैकेट और बुलेट प्रूफ जैकेट के इस समंदर में कूद गए हैं लेकिन साथ ही उन्हें जीत का पूरा भरोसा है! राठौर की मानें तो आर्मी ने उन्हें चुनौतियों का सामना करना काफी बेहतरी सेसिखाया है! जिस समय वह आर्मी का हिस्सा थे उस समय उनकी पोस्टिंग कश्मीर में थी!
इसी वर्ष उन्होंने देश के लिए रजत पदक जीता था और एक बार फिर वही जोश उन्हें सोने नहीं देता है! वह कहते हैं कि वह देश और लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आना चाहते थे और उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि वह लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर सकें!