Special report International Migrant Day: प्रवासियों के हक की आवाज़ बनेगा आर्क, प्रवासी कामगारों के बेहतर शिक्षा का संकल्प !
**मजदूरों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी समाज की : #आर्क फाउंडेशन
#international migrant day# अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस पर विशेष रिपोर्ट
रोजी-रोटी के लिये एक राज्य से दूसरे राज्यों में आकर बसने वाले कामगारों और मजदूरों की वर्तमान स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी ने कहा कि समाजिक संगठनों को आगे बढ़कर इस वर्ग के कल्याण और हक़ की आवाज उठाने का संकल्प लेना चाहिए । राज्यसभा सदस्य एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस पर यहां राजधानी दिल्ली के अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक सेमिनार में बोल रहे थे।
Special report International Migrant Day –
कोशियारी ने (पूर्व सीएम, उत्तराखंड) अपनी बातों स्पस्ट करते हुए कहा की स्थानांतरगमन कई बार बहुत रचनात्मक होता है। उन्होंने शंकराचार्य का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे शंकराचार्य अपने प्रवास के दिनों में अलग-अलग जगहों पर धार्मिक मठ स्थापित किये थे। अतः स्थानांतरगमन रचनात्मक होता हैं। उन्होंने ये भी कहा की प्रवासी मजदूरों के पक्ष में कदम उठाए गए हैं और कई अभी अनेक उपाय किये जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि हमें केवल इस तथ्य की आलोचना नहीं करनी चाहिए लेकिन इसके लिये उचित समाधान भी खोजना पड़ेगा ।
उन्होंने ने कहा कि हालांकि पलायन और प्रवास एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इससे संस्कृति एवं ज्ञान का प्रसार होता रहा है किन्तु मौजूदा समय में यह रोजी-रोटी की मजबूरी के कारण हो रहा है। इसके अलावा प्रवास पर रहने वाले कामगार समुदाय की स्थिति बहुत खराब है । सरकार भी असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले मजदूरों तक पहुंच पाने में असफल रही है। उन्होनें कहा कि नागरिक समाज को संगठित होकर इसके लिये काम करने की आवश्याकता है।
केंद्रीय श्रम मंत्री सन्तोष गन्ग्वार ने कहा सरकार सभी के बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा के लिये प्रतिबद्ध है और इसके लिये उन्हें समाजिक संगठनों के सहयोग की आवश्यकता है । सरकार मजदूरों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएँ संचालित कर रही है लेकिन सभी योजनाएं इस वर्ग तक नहीं पहुंच रही हैं। ऐसे में श्रमिकों के कल्याण के लिए समाजिक संगठनों को आगे आना चाहिए ।
हालांकि श्रम मन्त्री स्वयं इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने अपने सचिव के माध्यम से भेजे एक वक्तव्य में कहा कि प्रवासन अर्थव्यवस्था को गति देता है और इस कारण भी श्रमिकों और कामगारों के किये अधिक से अधिक कार्य करने की जरूरत है । उन्होनें श्रमिकों की समस्याओं का पता लगाना और उनके स्थायी समाधान के लिये काम करने की भी घोषणा की। समारोह में शामिल भारत सरकार के पूर्व मानव एवं संसाधन विकास मंत्री संजय पासवान ने आर्क फाउंडेशन से श्रमिकों के समग्र विकास के लिये राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने और सरकार से श्रम कल्याण में निवेश, समस्या को हल करने के लिए अधिक संसाधन और इस समुदाय की शिक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने की अपील की।
उन्होनें कहा कि जी -20 राष्ट्रों को प्रवासन को चुनौतियों को गंभीरता से लेना होगा । प्रवासियों को सुरक्षा भी गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों के अधिकारों की वकालत होनी चाहिए उन्हें सभी बुनियादी सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
पासवान ने कहा कि भारतीय
स्वभाव से ही घुमक्कड़ और करामाती होते हैं। वह एक स्थान से दूसरी जगह आते जाते रहते हैं ताकि अधिक सुविधाओं मिले। यदि उन्हें मूल स्थान में ही रोजगार और सुविधायें मिलें तो इस प्रकार का प्रवासन रुक़ सकता है । उन्होंने कहा कि हमें अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस को लोकप्रिय बनाना चाहिए। उन्होंने आर्क फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना की और लेबरों से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिये सभी वर्ग को एकजुट होने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में टाटा स्कूल ऑफ़ सोशल साइंस के प्रोफेसर और पूर्व आईपीएस अधिकारी पी.एम. नायर, श्रमिकों के हित में कार्य करने वाले प्रवीण आर्य (एकल फाउंडेशन), सुधांशु त्रिवेदी, देवेंद्र बराल, श्री दुनू रॉय, श्री प्रभाकर सिन्हा, श्री नवीनप्रकाश, श्री सैयद मो बाकर ने भी कुछ मूल्यवान दृष्टिकोण दिए और मुद्दे से निपटने के लिए अपने अनमोल अनुभवों को साझा किया।
आर्क फाऊंडेशन की संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक सुश्री अर्चना कुमारी ने सेमिनार के समापन सम्भाषण में मजदूरो की तत्काल और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए इस समारोह और इस अभियान में शामिल होने पर सभी अतिथियों का दिल से आभार व्यक्त किया और प्रवासन के मुद्दों को इतने जोर से उच्च स्तर पर उठाने पर धन्यवाद दिया । आर्क फाउंडेशन सामाजिक विकास में काम करने वाला एक गैर-लाभकारी संगठन है। संगठन का लक्ष्य उपेक्षित और वंचित समुदाय के अधिकारों और जीवन की बेहतरी के लिये कार्य करना है।
18th Dec 18 on International Migrants Day, National Seminar at Samrasta Hall, Dr. Ambedkar Int Centre, Janpath, New Delhi, (2:30 – 7:30 pm) Topic: "Impact of Migration on Sustainable dev. & lives of Migrants" Focused on "Migrant labourers: Dev, Rights, Opportunities & Challenges"
— ArchFoundation (@FoundationArch) December 15, 2018
आर्क फाऊंडेशन का यह समारोह न्यूजेन सॉफ़्टवेयर के सहयोग और समर्थन से आयोजित किया गया था। न्यूजेन साफ्टवेयर के प्रबंध निदेशक श्री दिवाकर निगम एवं श्रीमती प्रियदर्शिनी निगम ने आर्क फाऊंडेशन के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि यह हम सभी का दायित्व कि समाज के सभी लोगों को उचित शिक्षा और स्वास्थय मुहैया कराने की दिशा में एकजुट होकर काम करें । उन्होंने आर्क फाऊंडेशन के इस मुहिम के लिये कम्पनी की ओर से अपने समाजिक उत्तरदायित्व के प्रति कटिबद्धता दोहरायी ।
आर्क फाउंडेशन सामाजिक विकास में काम करने वाला एक गैर-लाभकारी संगठन है। संगठन का लक्ष्य उपेक्षित और वंचित समुदाय के अधिकारों और जीवन की बेहतरी के लिये कार्य करना है। @Archfoundation